नोएडा में कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट, डीएम-मंडलायुक्त ने हालात का जायजा लिया

नोएडा में कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट, डीएम-मंडलायुक्त ने हालात का जायजा लिया

नोएडा में कोरोना वायरस को लेकर हाई अलर्ट, डीएम-मंडलायुक्त ने हालात का जायजा लिया

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

नोएडा में कोरोनावायरस को लेकर प्रशासन ने हाईअलर्ट घोषित कर दिया है। जिले में कोरोना वायरस से निपटने के उपायों का जायजा लेने के लिए गुरुवार को मेरठ की मंडलायुक्त ने बैठक की।gangaबैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पदाधिकारियों को बुलाया गया। जिसमें जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों से एक्शन प्लान मांगा है। निजी अस्पतालों से पूछा गया है कि वह क्या सुविधाएं उपलब्ध करवा सकते हैं।gangaनोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक-एक आइसोलेशन वॉर्ड बनाए गए हैं। नोएडा में आईसोलेशन वॉर्ड सुपरस्पेशलिटी चाइल्ड अस्पताल में बनाया गया है। ग्रेटर नोएडा में आइसोलेशन वॉर्ड राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में बनाया गया है।

दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया गया। वहीं, नोएडा में कोरोनावायरस को लेकर प्रशासन ने हाईअलर्ट घोषित कर दिया है। जिले में कोरोना वायरस से निपटने के उपायों का जायजा लेने के लिए गुरुवार को मेरठ की मंडलायुक्त ने बैठक की। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। राजस्व विभाग के सारे अधिकारी और कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग की मदद के लिए तैनात कर दिया गया है। संक्रमण से निपटने के लिए दो स्तर निर्धारित किए गए हैं। इन्हीं के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन काम करेगा।

  1. अगर कोई संक्रमित हो जाता है

जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि बैठक में कोरोना वायरस से निपटने के लिए तय गाइडलाइन पर विचार विमर्श किया गया है। इसके दो स्तर हैं। पहला, अगर किसी को वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो क्या कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक-एक आइसोलेशन वॉर्ड बनाए गए हैं। नोएडा में आईसोलेशन वॉर्ड सुपरस्पेशलिटी चाइल्ड अस्पताल में बनाया गया है। ग्रेटर नोएडा में आइसोलेशन वॉर्ड राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में बनाया गया है।

डीएम ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति का उपचार यहीं दोनों वॉर्ड में किया जाएगा। अगर किसी वजह से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती है तो अधिक लोगों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। दूसरा कदम संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान करना है। संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने वाले और तीसरे स्तर के (यानि संपर्क में आने वालों के संपर्क में आने वाले लोग) लोगों की पहचान की जाएगी। इनकी जांच और जरूरत पड़ने पर उपचार किया जाएगा।

बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पदाधिकारियों को बुलाया गया। जिसमें जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों और डॉक्टरों से एक्शन प्लान मांगा है। निजी अस्पतालों से पूछा गया है कि वह क्या सुविधाएं उपलब्ध करवा सकते हैं। उनके यहां कोरोना वायरस से उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड की क्षमता कितनी हैं। एंबुलैंस जैसी सेवाओं का कैसे उपयोग किया जा सकता है। आईएमए शुक्रवार को पूरी जानकारी जिला प्रशासन को देगी।

  1. रोकथाम के उपायों पर विचार

जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि राजस्व विभाग के सारे कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग में भेज दिया गया है। राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग के साथ काम करेंगे। कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी देने के लिए दो नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं। एक स्वास्थ्य विभाग और दूसरा राजस्व विभाग का नियंत्रण कक्ष कलेक्टे्रट में बनाया गया है।

बैठक में सभी यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। उन्हें बताया गया कि किस तरह कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वह प्रयास कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी में बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। वहां क्या करना है और क्या नहीं करना है, यह पूरी जानकारी दी गई है। इसके साथ ही डीएम ने जिले के लोगों से अपील की है कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। सभी जागरूक रहें और बचाव के उपायों पर ध्यान दें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट हैं।

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