गौतमबुद्ध नगर में तैनात पुलिस वालों को मिली बड़ी राहत, तबादला आदेश रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा- कोरोना काल में आदेश लागू नहीं होगा

गौतमबुद्ध नगर में तैनात पुलिस वालों को मिली बड़ी राहत, तबादला आदेश रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा- कोरोना काल में आदेश लागू नहीं होगा

गौतमबुद्ध नगर में तैनात पुलिस वालों को मिली बड़ी राहत, तबादला आदेश रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा- कोरोना काल में आदेश लागू नहीं होगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Prayagraj : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गौतमबुद्ध नगर समेत राज्य के विभिन्न जिलों में तैनात पुलिस वालों को बड़ी राहत दी है। पुलिस विभाग के दरोगाओं, हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों के पिछले साल एक जिले से दूसरे जिले में किए गए तबादलों को लागू करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने कोरोना काल में इन आदेशों को लागू करने को गलत मानते हुए रद्द कर दिया है।

कोरोना काल से ठीक पहले गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। जिसके चलते जिले से बड़ी संख्या में पुलिस वालों का तबादला किया गया था। बाहरी जिलों से पुलिसकर्मियों को गौतमबुद्ध नगर भेजा गया था। इसके आलावा राज्य के आधा दर्जन जिलों मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, हापुड, आगरा,  वाराणसी और प्रयागराज के पुलिस कर्मियों ने अलग-अलग याचिका दाखिल करके अपने तबादला व कार्यमुक्त किए जाने के आदेश को चुनौती दी थी।

यह आदेश जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता व जस्टिस प्रकाश पाडिया ने अलग-अलग दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर पारित किया है। याचिकाओं पर बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का तर्क था कि याचीगण का तबादला एडीजी जोन, आईजी परिक्षेत्र ने वर्ष 2019 में एक जिले में निर्धारित समय पूर्ण करने या सीमावर्ती जिले में नियुक्त होने के आधार पर किया था। साल 2019 में किए गए इस स्थानान्तरण के आधार पर सभी याचिकाकर्ताओं को इस साल जून, जुलाई में कोरोना महामारी के दौरान सभी सम्बन्धित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों ने कार्यमुक्त होने का आदेश पारित किया है। 

अधिवक्ता का कहना था कि यह आदेश बिना एप्लिकेशन आफ माइन्ड पारित किया गया है। बिना यह ध्यान दिए पारित किया गया है कि याचीगण के सेवाओं की आवश्यकता है। इस प्रकार का पारित आदेश नियम विरुद्ध होने के कारण न्यायसंगत नहीं है। हाईकोर्ट ने यह आदेश यूपी पुलिस में कार्यरत दरोगा, हेड कान्सटेबिल व कान्सटेबिल शंभूनाथ पाण्डेय, राहुल बंसल, सिन्टू चौधरी, हृदय नारायण पाण्डेय, दलवीर सिंह यादव, अब्दुल गफ्फार, महेश चन्द्र व कई अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा अलग-अलग दाखिल दर्जनों याचिकाओं पर पारित किया है। इन सभी याचिकाओं में तबादला आदेशों के साथ-साथ 2020 में जारी कार्यमुक्त आदेशों को  भी चुनौती दी गयी थी। 

अधिवक्ता का कहना था कि एक वर्ष पूर्व पारित तबादला आदेशों के आधार पर इस साल पुलिस कर्मियों को इस कोरोना वायरस महामारी के दौरान कार्यमुक्त करना गलत है। कोर्ट ने आदेश में तबादला आदेशों को निरस्त कर दिया तथा कहा है कि आगे इन पुलिस कर्मियों का तबादला उनकी सेवाओं की आवश्यकता को देखते हुए कानून के तहत नियमानुसार किया जा सकता है।

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