दो मुल्कों से होते हुए पीओके से पवित्र मिट्टी अयोध्या पहुंची, पीओके में है शारदा पीठ, भारतीय वहां नहीं जा सकते

दो मुल्कों से होते हुए पीओके से पवित्र मिट्टी अयोध्या पहुंची, पीओके में है शारदा पीठ, भारतीय वहां नहीं जा सकते

दो मुल्कों से होते हुए पीओके से पवित्र मिट्टी अयोध्या पहुंची, पीओके में है शारदा पीठ, भारतीय वहां नहीं जा सकते

Google Image | शारदा पीठ

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भूमि पूजन किया है। इस दौरान मंदिर की नींव में रखने के लिए देशभर के हजारों पवित्र तीर्थ स्थलों, मंदिरों और मठों से मिट्टी लाई गई है। करीब 100 नदियों का जल भी मन्दिर की नींव में सिलाया जाएगा। इसके लिए पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (पीओके) से भी पवित्र मिट्टी अयोध्या लाई गई है। बुधवार को यह मिट्टी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर न्यास को सौंप दी गई है। 

पीओके से पवित्र शारदा पीठ की मिट्टी राम मंदिर निर्माण के लिए लाई गई है, लेकिन मिट्टी को अयोध्या तक पहुंचाने के लिए कई मुल्कों की यात्रा करनी पड़ी है। दरअसल, शारदा पीठ पीओके में है और भारतीयों के पीओके जाने पर पाकिस्तान ने पाबंदी लगा रखी है। यह काम कर्नाटक के रहने वाले और सेवा शारदा पीठ के सक्रिय सदस्य अंजना शर्मा ने करके दिखाया है।

आखिर कुछ इस तरह पीओके से अयोध्या पहुंची शारदा पीठ की मिट्टी

पीओके में भारतीय नागरिकों के आवागमन पर पाबंदी है। इसलिए चीन में रहने वाले भारतवंशी वेंकटेश रमन और उनकी पत्नी ने चीनी पासपोर्ट के जरिए पीओके की यात्रा की। यह दंपति चीन से पहले हांगकांग गया। हांगकांग से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद पहुंचे। पीओके पहुंचने के बाद दोनों पति-पत्नी शारदा पीठ गए। वहां से प्रसाद और मिट्टी हासिल की। इसके बाद दोनों वापस हांगकांग पहुंचे और अब हांगकांग से दिल्ली आए हैं। दिल्ली में इस दंपति ने मिट्टी और प्रसाद अंजना शर्मा को सौंप दिए।

अंजना शर्मा ने बताया कि वह शारदा पीठ के मुख्य पंडित रविंद्र के आदेश पर यहां आए हैं। अयोध्या पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया है। अंजना शर्मा अपने साथ कर्नाटक के अंजना पर्वत की मिट्टी भी लेकर आए हैं। जिसे राम भक्त हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है। वहां से वह पवित्र जल भी लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि रावण भगवान शिव के जिस लिंग को लेकर जा रहा था और मैं उसके हाथ से छूटकर गोकर्ण पर्वत पर गिर गया था। उस गोकर्ण पर्वत से भी पवित्र जल भूमि पूजन के लिए अयोध्या लाया गया है।

बंटवारे के वक्त शारदा पीठ पाकिस्तान की तरफ चला गया

शारदा पीठ पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर में है। यह पीठ कश्मीरी पंडितों के लिए तीन प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है। जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो शारदा पीठ वाला हिस्सा पाकिस्तान में चला गया। शारदा पीठ नीलम नदी के किनारे पर स्थित है। यह भारत में उरी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां जाने के लिए दो रास्ते हैं। पहला रास्ता मुजफ्फराबाद की तरफ से होकर शारदा पीठ जाता है। दूसरा रास्ता पुंछ-रावलकोट होते हुए शारदा पीठ जाता है। पुरी से मुजफ्फराबाद वाला रूट सामान्य है और ज्यादातर श्रद्धालु इसे ही इस्तेमाल करते हैं।

यहीं जगतगुरु शंकराचार्य ने ली थी दीक्षा

पिछले साल पाकिस्तान की सरकार ने 25 मार्च को एक कोरिडोर बनाने की मंजूरी दी थी। जिसके जरिए भारतीय हिंदू शारदा पीठ का दौरा कर सकते हैं। वहां प्रसिद्ध शारदा विश्वविद्यालय भी था। जिसमें 5000 से ज्यादा विद्वान अध्ययन और अध्यापन करते थे। आदि गुरु शंकराचार्य ने भी शारदा पीठ विश्वविद्यालय में ही अध्ययन किया था। इसके बाद हिंदुत्व एकता के लिए जगतगुरु शंकराचार्य ने भारत के चारों कोनों पर एक-एक मठ की स्थापना की थी।

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