Tricity Today | Alok Singh, Police Commissioner Noida
उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को एक बड़ा आदेश जारी किया है। सरकार की ओर से आदेश दिया गया है कि अब डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ से कोई भी घर या मकान खाली नहीं करवाया जा सकता है। पूरे उत्तर प्रदेश में यह पाबंदी 30 अप्रैल तक लागू रहेगी। गौतम बुद्ध नगर पुलिस के कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने सरकार के इस आदेश को जिले में लागू कर दिया है। दरअसल, सरकार को जानकारी मिल रही हैं कि कोरोना संक्रमित लोगों का उपचार कर रहे डॉक्टरों-पैरामेडिकल स्टाफ से लोग घर खाली करवा रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि इससे वह भी संक्रमण की चपेट में आ जाएंगे।
गौतम बुद्ध नगर के अपर पुलिस उपायुक्त आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में कोई भवन स्वामी, सोसायटी प्रबंधक अब चिकित्सक या पैरामेडिकल स्टॉफ से आवास खाली नहीं करवाएगा। इसके लिए दबाव भी नहीं बनाएंगे। धारा 144 सीआरपीसी के अंतर्गत यह निषेधाज्ञा जारी की गई है। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर ऐसे भवन स्वामी और सोसायटी प्रबंधकों के विरूद्ध राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51, महामारी अधिनियम और एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अपर पुलिस उपायुक्त (कानून एवं व्यवस्था) आशुतोष द्विवेदी ने बताया, उत्तर प्रदेश शासन ने कोविड-19 के कारण फैल रही महामारी को आपदा घोषित किया है। इस महामारी के संक्रमण से प्रभावित मरीजों के उपचार और जीवन रक्षा में चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ की महती भूमिका है। जो स्वयं के संक्रमण से बचाव के प्रबन्ध के उपरान्त सतत संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु अपनी चिकित्सीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। जोकि समुदाय के लिए आवश्यक हैं। विभिन्न माध्यमों से यह तथ्य संज्ञान में आ रहे हैं कि अनेक भवन स्वामियों और सोसायटी के प्रबन्धक मात्र संक्रमण की आशंकाओं के कारण ऐसे चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ पर उनके आवासों को खाली करने के लेकर दबाव बना रहे हैं।
एडीसीपी ने कहा, वर्तमान में आपातकालीन और आपवादिक परिस्थितियों में इस प्रकार का दबाव चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा समुदाय को दी जाने वाली आवश्यक सेवाओं के अनुरक्षण, आपदा प्रबन्धन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है। जिससे मानव जीवन और सामुदायिक स्वास्थ्य क्षेम को खतरा है। अतः यदि किसी भवन स्वामी या सोसायटी प्रबंधक ने चिकित्सक-पैरामेडिकल स्टॉफ से आवास खाली कराने को लेकर दबाव बनाने की कोशिश की तो उसके विरूद्ध राष्ट्रीय आपदा अधिनियम-2005 की धारा 51, महामारी अधिनियम-1897 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून–1980 के तहत ऐसे लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा।
अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि ऐसे चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टॉफ, जो कोविड-19 के संक्रमित मरीजों का उपचार कर रहे हैं, उनके आवास और संबंधित अन्य आवश्यक वस्तुओं में बाधा उत्पन्न किया जाना समुदाय की चिकित्सकीय सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। अतः धारा 144 सीआरपीसी के अन्तर्गत जनहित में जनपद गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र के इस प्रकार के किसी भी कार्य को प्रतिबंधित किया गया है।