यमुना प्राधिकरण के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने बोला हल्ला, फोर्स तैनात, रोका गया

यमुना प्राधिकरण के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने बोला हल्ला, फोर्स तैनात, रोका गया

यमुना प्राधिकरण के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने बोला हल्ला, फोर्स तैनात, रोका गया

Tricity Today | यमुना प्राधिकरण के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने बोला हल्ला, फोर्स तैनात, रोका गया

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ सैकड़ों किसानों ने हल्ला बोला है। किसान सड़क पर हैं और विकास प्राधिकरण के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि विकास प्राधिकरण उनके हितों की हत्या कर रहा है। तमाम बातचीत, पंचायतों और आश्वासनों के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बुधवार को सैकड़ों की संख्या में किसानों ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना और प्रदर्शन करने के लिए कूच किया। भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। पुलिस ने किसानों को रोक लिया है।

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना और प्रदर्शन करने के लिए ग्रेटर नोएडा, दनकौर, रबूपुरा और जेवर क्षेत्र के सैकड़ों किसान बुधवार को एकत्र हुए। यह लोग हाथों में तख्तियां लिए हुए हैं। जिस पर "विकास प्राधिकरण होश में आओ, किसानों से मत टकराव" जैसे नारे लिखे हुए हैं। किसानों का कहना है कि उनकी जमीनों का अधिग्रहण कर लिया गया है, लेकिन अभी तक पूरा मुआवजा नहीं दिया गया है। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा दिया जा रहा था। 10% आबादी की भूमि विकसित करके देने का आदेश दिया गया था। विकास प्राधिकरण ने करीब 10 साल बीतने के बावजूद इस आदेश पर अमल नहीं किया है। अब तक किसान मुआवजा और अपनी जमीन लेने के लिए प्राधिकरण के धक्के खा रहे हैं।

किसानों ने कहा, इस मुद्दे को लेकर ना जाने कितनी बार विकास प्राधिकरण के अफसरों से बातचीत हो चुकी है। किसान अदालती आदेश भी लाकर विकास प्राधिकरण को दे चुके हैं। अब करीब 2 महीने पहले पुराने आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि किसानों को अतिरिक्त मुआवजा और आबादी की जमीन लेने का अधिकार नहीं है। किसानों का कहना है कि अगर विकास प्राधिकरण समय रहते पूर्व के आदेश पर अमल करता तो किसानों को इस तरह परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

इसी मुद्दे को लेकर करीब 2 महीनों से तमाम किसान संगठन गौतमबुद्ध नगर में पंचायतें कर रहे थे। किसानों को एकजुट किया जा रहा था। दो सितंबर को यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर धरना और प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया था। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया था। किसानों से कहा था कि प्राधिकरण हाईकोर्ट से आए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर रहा है। यह याचिका उत्तर प्रदेश सरकार और यमुना प्राधिकरण की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी है। हालांकि, अभी इस पर सुनवाई शुरू नहीं हुई है।

दूसरी ओर किसानों ने कहा, उन्हें जब तक अतिरिक्त मुआवजा और जमीन नहीं मिल जाएगी, वह अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। इसी सिलसिले में बुधवार को किसान प्रदर्शन करने जा रहे थे। किसानों को ग्रेटर नोएडा के बाहर भारी फोर्स ने रोक लिया है। इस दौरान किसानों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया है। प्राधिकरण पहुंचने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई है। किसान प्राधिकरण पहुंचने के लिए अड़े हुए हैं। पुलिस उन्हें रोक रही है। किसान गिरफ्तारी तक देने के लिए तैयार हैं।

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