ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं तो सूर्य और गुरु के साथ इन दिशाओं का रखें ख्याल, मिलेगी सफलता

ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं तो सूर्य और गुरु के साथ इन दिशाओं का रखें ख्याल, मिलेगी सफलता

ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं तो सूर्य और गुरु के साथ इन दिशाओं का रखें ख्याल, मिलेगी सफलता

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

- ज्योतिषाचार्य घर में पढ़ाई किए जाने पर दिशाओं का खास ख्याल रखने की देते हैं सलाहganga- पढ़ाई के लिए सूर्य चंद्रमा के साथ राहु की स्थिति और गुरु की दशा को भी महत्वपूर्ण माना जाता है

कोरोना महामारी के बीच ऑनलाइन पढ़ाई लोगों के बीच आम बात हो गई है। ज्यादातर बच्चे घरों में ही रहकर इस बार अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्य का मानना है कि घर में पढ़ाई के दौरान सूर्य चंद्रमा के साथ राहु की स्थिति और गुरु की दशा का ख्याल रखने से पढ़ाई में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं। ऐसी स्थिति में पढ़ाई के कमरे के वास्तु दोष और दिशाओं के नकारत्मक प्रभाव को खत्म कर तनाव अनिद्रा और बच्चे के भीतर पैदा होने वाले घबराहट से भी बचाव किया जा सकता है।

वास्तु शास्त्री पारस कृष्ण तिवारी ने जानकारी दी कि लॉकडाउन के बाद से ही नए सत्र में जैसे ही स्कूल खुले ज्यादातर बच्चे घर में रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाओं के शुरू होने के बाद बच्चे घर में ही कक्षा में की जाने वाली पढ़ाई की स्थिति में आ रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लैपटॉप या मोबाइल का उपयोग करने के लिए बहुत से बच्चों ने ऐसे स्थान का चुनाव किया जो घर में लगे सॉकेट के नजदीक है। लैपटॉप या मोबाइल फोन में होने वाली पढ़ाई दीवार में लगे सॉकेट के पास इसलिए आ गई क्योंकि पढ़ाई के दौरान लैपटॉप या मोबाइल बंद ना हो जाए। इस स्थिति में बच्चों के पढ़ाई के स्थान में आए बदलाव से वास्तु दोष और पढ़ाई के दौरान मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा में भी परिवर्तन आया है।

वास्तुदोष से मिला घबराहट अनिद्रा और तनाव
पढ़ाई के स्थान में आए इस परिवर्तन से बच्चों के भीतर घबराहट अनिद्रा और तनाव जैसी समस्याएं सामने आ रहे हैं। ऐसा इस वजह से भी है क्योंकि बच्चों के पढ़ाई के स्थान में दिशा परिवर्तन की वजह से वास्तु दोष भी पढ़ाई वाले स्थान पर लग गया है। इसलिए यदि ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं तो दिशाओं के परिवर्तन के साथ ही ग्रहों का भी खास ख्याल रखने की जरूरत है।

  • - ऑनलाइन पढ़ाई की टेबल कमरे के उत्तर पूर्वी यानी ईशान कोण पर ही मौजूद होनी चाहिए।
  • - ईशान कोण में स्थापित टेबल की स्थिति ऐसी होनी चाहिए कि पढाई कर रहे बच्चे का मुंह पूर्व दिशा में और पीठ पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
  • - ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान यदि बच्चे का मुंह पश्चिम दक्षिण दिशा में है तो उसे तत्काल प्रभाव से बदले जाने की जरूरत है।
  • - यदि पढ़ाई किए जाने वाले कमरे में ईशान कोण खाली पड़ा है या फिर वहां पर सोने जा आराम किए जाने की व्यवस्था की गई है तो उसे हटाए जाने की जरूरत है।
  • - कमरे के वास्तु दोष से बचाव करने के लिए बच्चे की पढ़ाई के टेबल में प्लास्टिक के पीले फूलों का एक गुलदस्ता रखने से कमरे के वास्तु दोष में कमी आती है।

सूरज चंद्रमा और गुरु का भी रखें ध्यान

  • - ऑनलाइन पढ़ाई किए जाने के दौरान यदि बच्चा बार-बार अपनी कुर्सी से उठ रहा है तो यह समझ लेना चाहिए कि उसे गुरु संबंधी समस्या सामने आ रही है। ऐसी स्थिति में गुरु को प्रसन्न करने के लिए बच्चे की कुर्सी में हल्के नीले रंग का या फिर पीले रंग की गद्दी लगाई जानी चाहिए।
  • - पढ़ाई की टेबल के अलावा यदि कमरे में किसी भी कोने में तेज़ रोशनी है या किसी भी कोने में अंधेरा है तो पढ़ने के समय कुंडली और राशि का सूर्य प्रभावित होने लगता है। इस स्थिति में बच्चे के याद किए जाने की शक्ति कमजोर पड़ने लगती है। यदि ऐसी स्थिति घर में है तो सूर्य को मजबूत करने के लिए बच्चे के हाथ में मौली बांधने से लाभ हासिल होगा।
  • - बच्चे का यदि बुध ग्रह प्रभावित है तो पढ़ाई के दौरान वे टीचर से प्रश्न करने में संकोच करेगा। ऐसे में बच्चे के पढ़ाई वाले स्थान पर साफ सफाई किए जाने के साथ ही यदि सामान अव्यवस्थित है तो उसे भी सुधारे जाने की जरूरत है।
  • - पढ़ाई करने के बावजूद यदि बच्चे को यह लगता है की वह बेहतर परीक्षा में प्रदर्शन नहीं कर सकेगा तो ऐसी स्थिति में राहु का दोष हटाए जाने की बेहद जरूरत है। बच्चे को नीले रंग के कपड़े पहन कर पढ़ाई करने से बचने की सलाह अभिभावकों की ओर से देनी चाहिए।

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