EXCLUSIVE: अगर जमाती नहीं आते तो यूपी में अधिकतम 400 कोरोना केस होते, हेल्थ मिनिस्टर ने कहा- फिर भी चिंता की कोई बात नहीं

EXCLUSIVE: अगर जमाती नहीं आते तो यूपी में अधिकतम 400 कोरोना केस होते, हेल्थ मिनिस्टर ने कहा- फिर भी चिंता की कोई बात नहीं

EXCLUSIVE: अगर जमाती नहीं आते तो यूपी में अधिकतम 400 कोरोना केस होते, हेल्थ मिनिस्टर ने कहा- फिर भी चिंता की कोई बात नहीं

Tricity Today | Jay Pratap Singh

मैं कोई राजनीतिक बात नहीं कह रहा हूं लेकिन यह सच है कि अगर जमातियों वाला इश्यू नहीं आता तो उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा 300-400 कोरोना संक्रमण के केस होते। रविवार की शाम तक यह संख्या 1084 पहुंच गई है। जिसमें 638 मामले तबलीगी जमात से जुड़े हैं। यह बात उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने गौतम बुद्ध नगर में जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से फेसबुक लाइव के दौरान कही।

जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह के साथ फेसबुक लाइव के दौरान उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया, कोरोना वायरस के खिलाफ हम लोगों ने 8 जनवरी से तैयारी शुरू कर दी थी, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक अलर्ट जारी किया और बताया कि कोरोनावायरस का खतरा मंडरा रहा है। उसके तुरंत बाद हमने भारत-नेपाल सीमा पर 19 स्थानों को सील कर दिया था। उत्तर प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर जांच और छानबीन शुरू कर दी थी। 

जय प्रताप सिंह ने कहा, हम लोगों ने जिला अस्पतालों में आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। रविवार की शाम तक उत्तर प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 1084 हो गई है। इनमें 638 तबलीग के जमाती हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, मैं कोई राजनीतिक बात नहीं कह रहा हूं लेकिन, यह बात सही है कि अगर तब्लीगी जमाती नहीं आते तो उत्तर प्रदेश में अधिकतम 300-400 लोग कोरोना से संक्रमित होते। यह जो संख्या अचानक से बढ़ी है, उसमें सबसे ज्यादा जमाती हैं। उन्होंने कहा, " मैं छोटा सा उदाहरण देना चाहता हूं, लखनऊ में जो तबलीगी पकड़े गए उन्हें हमने बख्शी का तालाब में बनाए गए एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा था। उन लोगों की टेस्टिंग की गई तो उनमें से 48 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। यही हाल लगभग उत्तर प्रदेश के उन सारे जिलों का है, जहां जमाती बड़ी संख्या में पहुंचे हैं।"

बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आगरा, लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद और शामली जैसे जिलों में जहां बड़ी संख्या में कोरोनावायरस से संक्रमित लोग सामने आए हैं, वहां हॉटस्पॉट और क्लस्टर बनाकर सीलिंग की है। इन कलस्टर और हॉटस्पॉट में लाखों घर हैं। एक-एक घर को सैनिटाइज किया गया है और उनकी स्क्रीनिंग की गई है। वहां अगर किसी को खांसी भी मिली है तो उसकी जांच की गई है। कोरोनावायरस की टेस्टिंग की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से किए जा रहे इंतजामों के बारे में कहा, "जब हम लोगों ने कोरोनावायरस से लड़ाई शुरू की थी तो पूरे उत्तर प्रदेश में केवल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक लैबोरेट्री कोरोनावायरस की जांच कर सकती थी। वह भी एनआईबी पुणे से पॉजिटिव केस को कंफर्म करने के बाद डिक्लेअर करती थी। अब उत्तर प्रदेश में 14 लेबोरेटरी कोरोनावायरस की टेस्टिंग कर रही हैं। इनमें से तीन तो अकेले गौतम बुद्ध नगर जिले में हैं। हम लोगों ने सैंपलिंग बहुत तेजी से बढ़ाई है।"

मंत्री ने आगे कहा, "आगरा, लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर में कोई भयावह स्थिति नहीं है। यह जो एकदम से इतने सारे केस सामने आ रहे हैं, इसके पीछे की वजह बड़ी संख्या में टेस्टिंग होना है। सरकार ने कंटेनमेंट अभियान छेड़ा है। हॉटस्पॉट सील किए हैं। वहां बड़ी संख्या में लोगों की टेस्टिंग की जा रही है, जिससे तेजी से संक्रमित मामले सामने आए हैं यह अच्छी बात है, जिससे हम इन मामलों को नियंत्रित कर लेंगे। वायरस को आगे फैलने से रोक दिया जाएगा।"

यूपी में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर भी स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी। उन्होंने कहा, "हमने 3 लेवल के अस्पताल बनाए हैं। उनमें आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। वहां पीपीई, मास्क और सैनिटाइजर का पूरा इंतजाम किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने महज पिछले डेढ़-दो महीने में बहुत तेजी से काम किया है। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में अब तेजी के साथ कोरोनावायरस से जुड़े मामले घटेंगे। अभी उत्तर प्रदेश में जो मामले बढ़ते हुए दिख रहे हैं, उनके पीछे की वजह तेजी से हो रही टेस्टिंग और जमाती हैं।"

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री को कई सुझाव दिए। साथ ही कॉन्फ्रेंसिंग में भाग ले रहे दिल्ली-एनसीआर के पत्रकारों ने भी अपने अनुभव साझा किए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जो समस्या और सुझाव बताए गए हैं, उनका जल्दी समाधान तलाश किया जाएगा।

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