Tricity Today | Noida & Ghaziabad
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के कारखाना संचालकों के लिए यह जरूरी खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है कि अगर मार्च महीने का वेतन किसी कंपनी मालिक ने कर्मचारियों और श्रमिकों को अब तक नहीं दिया है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के उप निदेशक कारखाना ने आदेश जारी किया है कि ऐसी शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जाए।
उप निदेशन ने पत्र में लिखा है, जो कंपनी मालिक सरकार के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाई जाए। गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद बुलंदशहर और हापुड़ के जिलाधिकारियों और सहायक निदेशक कारखाना को उप निदेशक कारखाना ओपी भारती ने यह पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर से श्रमिकों की शिकायतें शासन तक पहुंच रही हैं। जिसमें कहा जा रहा है कि कारखाना और कंपनी मालिकों ने मार्च महीने की तनख्वाह अभी तक नहीं दी है।
जिसकी वजह से श्रमिक और कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उपनिदेशक ने कहा है कि हालिया तालाबंदी में लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हुआ है। सरकार ने आदेश दिया है कि मार्च महीने का पूरा वेतन देना होगा। इसमें तालाबंदी के दिनों को भी शामिल किया जाएगा। मतलब, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में 22 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया था। ऐसे में 22 मार्च से 31 मार्च तक के दिनों को अवकाश या गैर हाजिरी में नहीं गिना जाएगा।
कारखाना और कंपनी मालिकों को पूरे 31 दिनों की तनख्वाह कर्मचारियों को देनी होगी। उपनिदेशक ने कहा है कि जो शिकायतें शासन से भेजी जा रही है अथवा सीधे प्राप्त हो रही हैं, उनका तत्काल निस्तारण किया जाए। उपनिदेशक ने मंगलवार की शाम तक निस्तारण रिपोर्ट भी मांगी है। इसके अलावा जिला स्तर के अधिकारियों को ऐसी शिकायतों का निस्तारण करके प्रतिदिन लखनऊ मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया गया है। आपको बता दें कि 22 मार्च को लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था।
जिसके बाद सरकार ने आदेश जारी किया था कि लॉकडाउन पीरियड को अवकाश अथवा गैर हाजिरी में नहीं गिना जाएगा। मार्च महीने का वेतन पूरा भुगतान करना होगा। इसके बावजूद बड़ी संख्या में कंपनी और कारखानों के प्रबंधकों ने बाद के 10 दिनों का वेतन नहीं दिया है। इसी की शिकायतें सरकार को लगातार मिल रही है। अब सरकार ऐसे मामलों में सख्ती करना चाहती है।