प्रवासी मजदूरों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश- 15 दिनों में भेजें घर, लॉकडाउन उल्लंघन के केस लिए जाएं वापस

प्रवासी मजदूरों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश- 15 दिनों में भेजें घर, लॉकडाउन उल्लंघन के केस लिए जाएं वापस

प्रवासी मजदूरों पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश- 15 दिनों में भेजें घर, लॉकडाउन उल्लंघन के केस लिए जाएं वापस

Tricity Today | Supreme Court

लॉकडाउन की वजह से देशभर के विभिन्न राज्यों में जहां-तहां फंसे प्रवासी श्रमिकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम आदेश सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर वापस उनके घरों को भेजा जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, 'लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों पर कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए हैं, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी मामले वापस लिए जाएं।'

कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करने को कहा है। कोर्ट ने सरकारों से मजदूरों को स्किल मैपिंग करके रोजगार के मुद्दे पर भी राहत देने को कहा है।

मार्च महीने के अंतिम दिनों में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू किया था, जिसे बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया। हालांकि, एक जून के बाद से अनलॉक-1 को भी लागू किया गया है। लॉकडाउन के दौरान रोजगार न मिलने की वजह से लाखों की संख्या में मजदूर जहां-तहां फंस गए थे। इसके बाद कई मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए चल पड़े थे। 

हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने एक मई से प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। रेलवे ने दावा किया था कि इन ट्रेनों के जरिए से अभी तक लाखों मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है।

37 लाख से ज्यादा श्रमिक पहुंचाए गए घर
वहीं, मई महीने में रेलवे ने तकरीबन 2,818 विशेष श्रमिक ट्रेन चलाईं, जिसके जरिए 37 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। उनमें से 80 फीसदी यात्री उत्तर प्रदेश और बिहार गए। रेलवे ने जानकारी दी थी कि 2,818 श्रमिक विशेष ट्रेन में से अभी 565 रास्ते में हैं और 2,253 गाड़ियां अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी हैं। रेलवे ने पिछले चार दिनों में प्रतिदिन औसतन 260 ट्रेन चलाई और करीब तीन लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाया।

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