गौतमबुद्ध नगर में भाजपा नेता अपनी ग्रेजुएट वोट तक नहीं बनवा पाए, महीनों से बस मीटिंगों का खेल जारी

गौतमबुद्ध नगर में भाजपा नेता अपनी ग्रेजुएट वोट तक नहीं बनवा पाए, महीनों से बस मीटिंगों का खेल जारी

गौतमबुद्ध नगर में भाजपा नेता अपनी ग्रेजुएट वोट तक नहीं बनवा पाए, महीनों से बस मीटिंगों का खेल जारी

Tricity Today |

गौतमबुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के नेता करीब 6 महीनों से स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। हर सप्ताह कई-कई मीटिंग चल रही हैं। जिनमें प्रदेश स्तर से लेकर, क्षेत्रीय कार्यालय और जिला कमेटी के पदाधिकारी समीक्षाएं कर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी हास्यास्पद बात यह है कि आम आदमी से वोट बनवाने और वोट देने की अपील करते घूम रहे यह नेता खुद अपनी ही वोट बनवाने में नाकाम रहे हैं। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गौतमबुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष से लेकर उनकी कमेटी के करीब 70 फ़ीसदी पदाधिकारी अपने और अपने परिवार के लोगों की ग्रेजुएट वोट बनाने में असफल रहे हैं। कमोबेश पुराने और नए तमाम नेताओं का यही हाल है। दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर भी अपनी ग्रेजुएट वोट नहीं बनवा पाए हैं।

सबसे पहले गौतमबुद्ध नगर में पार्टी के मुखिया विजय भाटी की बात करते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष विजय भाटी के गांव पल्ला में स्नातक की केवल 6 वोट बनी हैं। जिलाध्यक्ष खुद तो ग्रेजुएट नहीं हैं। उनके भाई कर्मवीर भाटी ग्रेजुएट हैं, लेकिन उनकी भी वोट नहीं बनवाई गई है। दादरी से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर खुद शिक्षक रह चुके हैं। उनकी शिक्षक वोट तो है, लेकिन स्नातक वोट बनवाना वह भी भूल गए हैं। किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री सुभाष भाटी ग्रेजुएट हैं, लेकिन न अपनी और न परिवार की वोट बनवा पाए हैं। भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा जिला महामंत्री दीपक भारद्वाज, भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष और जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) नीरज शर्मा और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष राहुल पण्डित भी वोट बनवाने में नाकाम रहे हैं।

भाजपा नेता दूसरों को लड़ा रहे हैं चुनाव

भारतीय जनता पार्टी ने मेरठ-सहारनपुर स्नातक सीट से दिनेश गोयल को अपना आधिकारिक उम्मीदवार घोषित किया है। इसके बावजूद गौतमबुद्ध नगर में दादरी और जेवर क्षेत्र के तमाम भाजपा नेता दूसरे उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाते घूम रहे हैं। दादरी क्षेत्र के ज्यादातर युवा भाजपाई जेके गौड़ को चुनाव लड़ रहे हैं। जेके गौड़ दादरी के कुड़ीखेड़ा गांव के मूल निवासी हैं। वह फिलहाल गाजियाबाद में रहते हैं और कई स्कूलों के मालिक हैं। दूसरी ओर कुछ नेता अर्चना शर्मा को चुनाव लड़ा रहे हैं। अर्चना शर्मा बुलंदशहर में अनूपशहर कस्बे की रहने वाली हैं। वह शिक्षामित्र हैं और करीब एक साल से तैयारियों में जुटी हुई हैं। कुल मिलाकर भाजपा नेताओं ने न तो अपने वोट बनवाए और न ही अब पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव जिताने के लिए काम कर रहे हैं।

अगर केवल सक्रिय सदस्यों की वोट बनती तो दो लाख वोटर होते

भाजपा से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर में जिला अध्यक्ष और तमाम दूसरे पदाधिकारी केवल लीपापोती करने में लगे रहे। वोट बनवाने में कोई खास ध्यान नहीं दिया गया। लोगों का तो यहां तक कहना है अगर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपनी और परिवार के सदस्यों की ही वोट बनवा लेते तो बाकी किसी से वोट मांगने जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। गौतम बुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के करीब दो लाख सक्रिय सदस्य हैं। पूरे जिले में करीब 1200 बूथ अध्यक्ष हैं। लोगों का कहना है कि इससे बड़ी विफलता और क्या हो सकती है कि जिला अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष और महामंत्री स्तर के पदाधिकारी अपनी, अपने परिवार और गांव के लोगों की वोट नहीं बनवा पाए हैं।

पार्टी से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखने वाले गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पत्रकार आदेश भाटी का कहना है, "गौतमबुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी का सांगठनिक ढांचा कोई खास मजबूत नहीं है। पार्टी के पास पढ़े-लिखे, युवा और सुलझे हुए कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की बड़ी कमी है। अगर मौजूदा कार्यकारिणी में इन मानकों का आकलन किया जाए तो आधे से ज्यादा पदाधिकारी ग्रेजुएशन से भी कम पढ़े लिखे हैं। सत्ता में आने के बाद पार्टी मजबूत होने की बजाय जिले में और कमजोर हुई है। अभी तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव मोदी लहर के नाम पर पार्टी जीत रही है। जिसे पार्टी के पदाधिकारी अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि मान रहे हैं।"

आदेश आगे कहते हैं, "अब जब स्नातक और शिक्षक एमएलसी का चुनाव आया तो जमीन पर काम की हकीकत खुलकर सामने आ गई है। श्रीचंद शर्मा शिक्षक एमएलसी का चुनाव लड़ रहे हैं। वह गौतमबुद्ध नगर के निवासी हैं। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भागदौड़ करके इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की वोट बनवा ली हैं। स्नातक सीट के लिए उम्मीदवार गाजियाबाद के रहने वाले हैं। लिहाजा, गौतमबुद्ध नगर के पार्टी पदाधिकारियों ने इस ओर कोई खास ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। गौतमबुद्ध नगर में स्नातक के लिए जितनी वोट बनी हैं, उनमें अधिकांश समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने बनवाई हैं। भाजपा के कुछ पदाधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने जिम्मेदारी से काम किया है।"

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