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स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो इंडिया ने स्थानीय स्तर पर कलपुर्जे बनाने का काम शुरू कर दिया है। अगले साल के अंत तक कम से कम 40 प्रतिशत स्थानीय कलपुर्जे मोबाईल फोन के निर्माण में इस्तेमाल करने का लक्ष्य है। वर्तमान में चीन की यह कंपनी अपने घरेलू विनिर्माण का 15 प्रतिशत स्थानीयकरण कर चुकी है। अभी कम्पनी सारे कलपुर्जे चीन से मंगाकर स्मार्टफोन ग्रेटर नोएडा में असेम्बल कर रही है।
वीवो इंडिया, ओप्पो, वन प्लस और रियलमी जैसे प्रमुख मोबाइल ब्रांड की मालिक कंपनी बीबीके इलेक्ट्रानिक्स की भारतीय अनुषंगी है। कंपनी का घरेलू विनिर्माण संयंत्र ग्रेटर नोएडा में है। वीवो इंडिया के ब्रांड रणनीति निदेशक निपुण मार्या ने कहा, ''हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया, 'वोकल फॉर लोकल और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान का पूरा समर्थन करते हैं। अभी हम अपने घरेलू विनिर्माण में 15 प्रतिशत स्थानीय कलपुर्जों का इस्तेमाल करते हैं। अगले साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
बाजार में चीनी सामान या ब्रांड के बहिष्कार की धारणा को लेकर किए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ''बाजार में 'चीन-विरोधी धारणा है, लेकिन जहां तक मोबाइल फोन खरीदने की बात है तो ग्राहक वीवो इंडिया को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के तौर पर देखते हैं। इसलिए 2020 की तीसरी तिमाही में कंपनी घरेलू स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष तीन में शामिल रही। त्यौहारी मौसम की शुरुआत ने भी इसमें हमारी मदद की।
बाजार रणनीति पर मार्या ने कहा कि उनका ज्यादा ध्यान ऑफलाइन बाजार पर है क्योंकि 'आत्मनिर्भर भारत बनाने में खुदरा क्षेत्र का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, ''वर्तमान में हम देश की 70,000 से ज्यादा खुदरा दुकानों पर मौजूद हैं। इनमें करीब 30,000 दुकानों पर कंपनी ने प्रत्यक्ष तौर पर युवक-युवतियों को ब्रांड एंबेसडर के तौर पर रोजगार दिया है। ग्रेटर नोएडा स्थित विनिर्माण संयंत्र में भी 10,000 लोगों को रोजगार मिला है।