Exclusive: कितने बुरे हाल में है कपूर खानदान की पैतृक कोठी, यहीं पैदा हुए थे राजकपूर, ऋषि कपूर की मौत से उठा मुद्दा

Exclusive: कितने बुरे हाल में है कपूर खानदान की पैतृक कोठी, यहीं पैदा हुए थे राजकपूर, ऋषि कपूर की मौत से उठा मुद्दा

Exclusive: कितने बुरे हाल में है कपूर खानदान की पैतृक कोठी, यहीं पैदा हुए थे राजकपूर, ऋषि कपूर की मौत से उठा मुद्दा

Tricity Today | कपूर खानदान की पैतृक कोठी

बॉलीवुड सितारे ऋषि कपूर की मौत के साथ ही एक नया मुद्दा उठ गया है। इस मुद्दे के केंद्र में कपूर खानदान की पैतृक कोठी है, जहां कभी पृथ्वीराज कपूर रहा करते थे और इसी कोठी में राज कपूर पैदा हुए थे। कपूर खानदान का यह पैतृक निवास बहुत बुरे हाल में है। अब लोग इसे म्यूजियम बनाने की मांग कर रहे हैं।

ऋषि कपूर की मौत के बाद यह फोटो सोशल मीडिया पर आए हैं। कपूर खानदान की पैतृक कोठी के फोटो ट्वीटर पर पाकिस्तान की पत्रकार और लेखिका सना मुनीर ने पोस्ट की हैं। आपको याद दिला दें कि कपूर खानदान के दादा पृथ्वीराज कपूर मूल रूप से पेशावर के निवासी थे। उनके बेटे राज कपूर का जन्म भी पेशावर में हुआ था। पेशावर शहर के बीचों-बीच कपूर खानदान की यह पैतृक कोठी है। जो आजकल जर्जर हालत में हो चुकी है। 

 

हालांकि, भारत और पाकिस्तान का बंटवारा होने के बाद पेशावर पाकिस्तान का हिस्सा बन गया और कपूर खानदान की कोठी पर पेशावर शहर में कपूर परिवार के पड़ोसियों ने कब्जा जमा लिया। इस कोठी में अभी कई परिवार रह रहे हैं। ऋषि कपूर की मौत के तुरंत बाद सना मुनीर ने इस कोठी के कई फोटो अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए हैं।

सना मुनीर लॉकडाउन के दौरान पिछले करीब 40 दिनों से पाकिस्तान के तमाम किलों, हवेलियों और स्मारकों के फोटो की सीरीज ट्विटर के जरिए प्रकाशित कर रही हैं। इसी कड़ी में सना मुनीर ने गुरुवार को कपूर खानदान की कोठी के फोटो पोस्ट किए हैं। मुनीर अपने ट्वीट में मांग करती हैं कि इस नायाब खंडहर को रिस्टोर करके एक म्यूजियम के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए। उनके इस ट्विटर पर भारत और पाकिस्तान के तमाम लोगों ने कमेंट किए हैं।

कुछ लोगों ने तो उनका मखौल भी उड़ाया है। लेकिन अधिकांश लोगों ने उनकी बात का समर्थन किया है। पाकिस्तान के तमाम लोगों ने कहा है, कपूर खानदान भारत और पाकिस्तान के लिए एक विरासत है। कपूर खानदान के सदस्यों ने फिल्मों के जरिए दोनों मुल्कों के लोगों का दिल जीता है। वह लोग जितने हिंदुस्तान में पसंद किए जाते हैं। उतने ही पाकिस्तान में भी पसंद किए जाते हैं। राज कपूर, ऋषि कपूर और शशि कपूर की तमाम फिल्मों को आज भी पाकिस्तान की आवाम देखना पसंद करती है। 

लोगों का कहना है, उनकी फिल्मों के तमाम गाने पाकिस्तान की सड़कों पर रेडियो और ट्रांजिस्टर रिकॉर्डर से सुने जा सकते हैं। पाकिस्तान के तमाम बड़े बुजुर्ग आज भी राज कपूर ऋषि कपूर की अदायगी के अदाकारी के मुरीद हैं।

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