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रविवार को नोएडा में अभिभावकों ने स्कूल फीस से जुड़े मुद्दों को लेकर प्राइवेट स्कूलों और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है। अभिभावकों ने बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ का आयोजन भी किया। स्कूल फीस का निर्धारण ऑनलाइन कक्षा के आधार पर करने की मांग की है। कम फीस या फीस के अभाव में स्कूल विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षा बन्द नहीं करें। इससे पहले अभिभावकों से जुड़ी संस्थाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने ज्ञापन पत्र भेज चुकी हैं। सोशल मीडिया के मार्फत भी अभिभावकों ने लंबा आंदोलन चलाया है।
रविवार को गौतमबुद्धनगर पेरेंट्स वेल्फेयर सोसायटी और एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन ने शांतिपूर्ण रूप से सांकेतिक प्रदर्शन नोएडा स्टेडियम के गेट पर किया। कोरोना महामारी के चलते दोनों संस्थाओं के केवल 6-6 सदस्यों को ही बुलाया गया था। मनोज कटारिया और सुखपाल सिंह तूर ने बताया कि विद्यार्थी देश के भविष्य हैं। देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना शिक्षा के मंदिरों को शोभा नहीं देता है। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके साथ देशद्रोहियों जैसा बर्ताव होना चाहिए। इन लोगों ने सवाल किया कि स्कूल अभिभावकों से कभी-ना-कभी अपनी फीस वसूल लेंगे परन्तु विद्यार्थियों की शिक्षा की हानि की पूर्ति कौन करेगा। स्कूलों को इस पर मनन करना चाहिए।
कपिल शर्मा और राहुल गर्ग ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कभी तकनीकी खराबी के कारण बच्चों को कोर्स समझ नहीं आ रहा है और कभी ज्यादा देर तक मोबाइल या लैपटॉप में देखने से आंखों व सिर में दर्द होने लगता है। छोटे बच्चों के साथ अभिभावकों को भी ऑनलाइन कक्षा में बैठना पड़ता है। ऐसी स्थिति में जब हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) नहीं मिल पा रही हैं तो अभिभावक भी पूरी फीस क्यों दे? गौतमबुद्ध नगर पेरेंट्स वेलफेयर सोसायटी और एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों में धर्मेन्द्र नंदा, विक्रम सेठी, सुरेंद्र भाटी, विजय श्रीवास्तव, कर्मवीर सिंह गुर्जर, संजय शर्मा, दिनेश गुप्ता, आशीष शुक्ला, वरुण श्रीवास्तव, नरेश सिंह रावत और दिनेश गौड़ उपस्थित थे।