बड़ा खुलासा: सीज फायर कंपनी में संक्रमण इंग्लैंड नहीं मुंबई से आया कोरोना वायरस!

बड़ा खुलासा: सीज फायर कंपनी में संक्रमण इंग्लैंड नहीं मुंबई से आया कोरोना वायरस!

बड़ा खुलासा: सीज फायर कंपनी में संक्रमण इंग्लैंड नहीं मुंबई से आया कोरोना वायरस!

Tricity Today | Cease Fire Company

सेक्टर-135 स्थित अग्निशमन उपकरण बनाने वाली कंपनी में कोरोना के संक्रमण का एक अहम कारण एक अधिकारी का मुंबई दौरा भी माना जा रहा है। 13-14 मार्च को कंपनी का एक अधिकारी वीजा से संबंधित मामले में मुंबई गया हुआ था। कंपनी में सबसे पहले उन्हीं में बीमारी के लक्षण भी आए और पॉजिटिव पाए गए। 

कंपनी के परियोजना प्रबंधन विभाग के अवनीश और उनका डेढ़ साल का बेटा भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ था। दोनों को मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी मिली। उनसे बातचीत के बाद ये तथ्य सामने आए। अवनीश जिस कंपनी में काम करते थे, वहां के कई कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए। कर्मचारियों सहित 54 लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यहां से संक्रमित हो चुके हैं जो जिले के कुल मरीजों का 67.5 प्रतिशत है।

अग्निशमन उपकरण बनाने वाली कंपनी के अवनीश  बताते हैं कि इंग्लैंड से आए ऑडिटर में किसी भी तरह के लक्षण नहीं थे। वह करीब डेढ़ साल बाद कंपनी के काम से यहां आए थे। मुझे तो वह काम के दौरान पूरी तरह से फिट दिख रहे थे। उनकी उम्र भी 65 के करीब लग रही थी। ऐसे में वह कोरेाना से पीड़ित होते तो उनमें लक्षण जरूर मिलते। वह देहरादून भी काम के सिलसिले में गए। कंपनी का वहां एक व्यक्ति भी संक्रमण के चपेट में नहीं आया। तीन दिनों तक काम के बाद वह वापस इंग्लैंड लौट गए और उन्होंने बताया भी कि वह बिल्कुल सही हैं।

अवनीश बताते हैं कि ऑडिट से पहले कंपनी के एक अधिकारी 13 और 14 मार्च तक मुंबई में थे। उन्हें वीजा से संबंधित कोई काम था। जहां वीजा बन रहा होगा, वहां विदेशी और प्रभावित देशों से आए लोग भी हो सकते हैं। उस दौरान मुंबई में इसका संक्रमण फैल चुका था। ऐसे में अगर इंग्लैंड के ऑडिटर से संक्रमण की आशंका कम है, लेकिन हम इसे पुख्ता तरीके से नहीं कह सकते। महज आशंका जता सकते हैं। इस बीमारी के हाई रिस्क में वरिष्ठ नागरिक हैं। इंग्लैंड का ऑडिटर भी वरिष्ठ नागरिक ही हैं। ऐसे में अगर उन्हें संक्रमण होता तो पता चलना चाहिए था। 

अधिकारी के पॉजिटिव होने के बाद मैं भी संक्रमित मिला
अवनीश बताते हैं कि 21 मार्च को मैं घर गया तो मुझे बुखार जैसा लगा। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था। 23 मार्च को ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल गया। वहां मुझे दवा देकर क्वारंटाइन होने की बात कही गई। मैं क्वारंटाइन हो गया। इसके दूसरे दिन 24 मार्च को कंपनी के वह अधिकारी भी पॉजिटिव पाए गए जो मुंबई गए थे। इसके बाद मैं भी जांच में संक्रमित मिला। 

ब्रिटिश ऑडिटर स्वस्थ
उन्होंने बताया कि तीन लोग और थे जो घर से काम कर रहे थे और बीमार थे। उनकी जानकारी भी ली गई और वह भी कोरोना के चपेट में आ गए थे। वहीं सभी लोग इंग्लैंड के ऑडिटर के जाने के बाद से संक्रमित हुए, इसलिए संक्रमण का शत प्रतिशत कारण ऑडिटर को माने जाने लगा। लेकिन उनके स्वस्थ होने के बाद कई बिंदुओं के बारे में लोगों ने सोचना शुरू किया। मालूम हो कि पहली मार्च और सात मार्च को कंपनी के प्रबंध निदेशक और अधिकारी विदेश से वापस आए थे।

ऑडिटर की जानकारी छुपाने पर स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी पर केस किया
इंग्लैंड से आए ऑडिटर की जानकारी छुपाने पर स्वास्थ्य विभाग ने सेक्टर-135 स्थित कंपनी पर एफआईआर कराई है। स्वास्थ्य विभाग संक्रमण का माध्यम इंग्लैंड के ऑडिटर को मान रहा है। इस मामले को सही तरीके से नहीं निपटाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम और सीएमओ पर कार्रवाई भी की थी।

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