Tricity Today | अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज शिवम ठाकुर
जूनियर वर्ल्ड गोल्फ चैंपियन अर्जुन भाटी के बाद ग्रेटर नोएडा के एक ओर इंटरनेशनल प्लेयर ने देश की मदद करने के लिए हाथ बढ़ाया है। अब ग्रेटर नोएडा के कुलेसरा गांव में रहने वाले इंटरनेशनल शूटर शिवम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपनी कमाई का 60 फीसद हिस्सा देश को देंगे। यह जिम्मेदारी वह अगले 3 वर्षों तक निभाएंगे। शिवम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि इस वैश्विक महामारी से उबरने के लिए देश को आर्थिक मदद की जरूरत है। वह अपनी आमदनी का 60 प्रतिशत देश को देने के लिए तैयार हैं।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज शिवम ठाकुर आगे आए हैं। वह तीन साल तक देश की आर्थिक मदद करेंगे। इस युवा निशानेबाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। वह प्रत्येक साल होने वाली कमाई का 60 प्रतिशत पीएम केयर्स फंड को देंगे।
आपको बता दें कि 18 वर्षीय शूटर शिवम ठाकुर ने इसी साल मलेशिया में हुई अंतरराष्ट्रीय जूनियर निशानेबाजी प्रतियोगिता में एक स्वर्ण और रजत पदक जीतकर बड़ा नाम कमाया है। उन्हें मैच फीस और अन्य मदों से सालाना करीब 5 लाख रुपये की आमदनी होती है। अब शिवम करीब 3 लाख रुपये अगले तीन वर्षों तक आर्थिक मदद के रूप में पीएम केयर्स फंड में देंगे।
ग्रेटर नोएडा के कुलेसरा गांव के निवासी और छोटे से निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले शिवम ठाकुर ने तीन वर्षों के अंदर राष्ट्रीय और अंतररराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है। उनके पिता अरुण कुमार कुलेसरा गांव में ही एक छोटी सी किराना राशन की दुकान चलाते हैं। निम्न आय वर्ग से आने शिवम की इस घोषणा की खेल प्रेमी मुक्त कंठ से सराहना कर रहे हैं।
भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे शिवम ठाकुर
दुबई एशियान गेम्स की निशानेबाजी स्पर्धा और विश्व जूनियर निशानेबाजी के लिए शिवम को भारतीय टीम में चुना गया है। शिवम ठाकुर बताते हैं कोरेाना के संक्रमण के बाद से देश की आर्थिक स्थिति को झटका लगेगा। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भविष्य में और दिक्कतें आएंगी। इस विपरित परिस्थिति में मैं देश की मदद करना चाहता हूं। मुझसे जो भी बन पड़ा मैंने उसके बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसकी जानकारी खेल मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को भी दे दी है।
मुझे देश ने बहुत कुछ दिया है: शिवम
शिवम ने कहा, "मुझे इस देश ने बहुत कुछ दिया है, ऐसे में मेरी यह मदद देश के कुछ काम आ जाए तो खुद को भाग्यशाली समझूंगा। मुझे लगता है कि लॉकडाउन के बाद खेलों की प्रगति पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में भविष्य में युवा खिलाड़ियों की भी मदद करुंगा।"