नोएडा के प्रॉपर्टी बाजार को पटरी पर लाने के लिए जन शक्ति सेवा समिति ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, यह तीन बड़ी मांग रखीं

नोएडा के प्रॉपर्टी बाजार को पटरी पर लाने के लिए जन शक्ति सेवा समिति ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, यह तीन बड़ी मांग रखीं

नोएडा के प्रॉपर्टी बाजार को पटरी पर लाने के लिए जन शक्ति सेवा समिति ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, यह तीन बड़ी मांग रखीं

Tricity Today | नरेंद्र चोपड़ा और योगी आदित्यनाथ

Noida शहर में Property Market और Real Estate Sector ठप पड़ा हुआ है। पहले जीएसटी और नोटबंदी के कारण हालत खराब चल रही थी। अब कोरोना वायरस संक्रमण ने मंदी की आग में घी का काम किया है। अब इस समस्या को लेकर Jan Shakti Sewa Samiti ने Chief Minister Yogi Adityanath को एक पत्र लिखा है। समिति के अध्यक्ष नरेंद्र चोपड़ा की ओर से लिखे गए इस पत्र में मुख्य रूप से तीन मांग की गई हैं। नरेंद्र चोपड़ा ने उम्मीद जताई है कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मसले पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए निर्णय लेंगे तो शहर के हालात सुधर सकते हैं।

जन शक्ति सेवा समिति के अध्यक्ष नरेंद्र चोपड़ा ने पत्र में लिखा है कि प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर लगने वाला शुल्क 1% से कम करके 20,100 रुपये किया जाए। करीब 2 महीने पहले लॉकडाउन पीरियड के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्रेशन का शुल्क संपत्ति की कुल कीमत का 1% कर दिया है। जबकि पूर्व में रजिस्ट्रेशन शुल्क का प्रॉपर्टी की कीमत से कोई सरोकार नहीं था। प्रत्येक रजिस्ट्री पर लोगों को 20,100 रुपये बतौर रजिस्ट्रेशन फीस देने पड़ते थे।

नरेंद्र चोपड़ा ने अपने पत्र में लिखा है, "मुख्यमंत्री जी आपसे विन्रम अनुरोध हैं की इस कोरोना महामारी के कारण सभी प्रकार के उद्योग, दुकाने और नौकरी न होने के कारण अर्थवयवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं। अतः आपसे विन्रम अनुरोध है की जनहित की भावना को संज्ञान में लेते हुए रजिस्ट्रेशन शुल्क 1% से कम करके पूर्व की तरह 20,100 रुपए ही लिए जाये।" आगे लिखा है कि इसी के साथ ही स्टांप ड्यूटी 5% से कम करके अधिकतम 3%की दर से स्टांप ड्यूटी चार्ज की जाए। 

नरेंद्र चोपड़ा का कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर पूरी तरह प्रॉपर्टी बाजार और रियल स्टेट पर निर्भर करते हैं। अगर सरकार ने स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन अमाउंट की दरें कम नहीं की तो प्रॉपर्टी बाजार को सहारा मिलना मुश्किल है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान शहर का प्रॉपर्टी बाजार लगभग डूब चुका है। लाखों मजदूर अपने घरों को वापस लौट चुके हैं। जब तक प्रॉपर्टी बाजार और रियल एस्टेट सेक्टर रिवाइव नहीं करेंगे, तब तक गौतमबुद्ध नगर की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटकर वापस नहीं आएगी।

आपको बता दें कि 2 दिन पहले बिल्डरों की संस्था क्रेडाई ने भी गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई से मुलाकात की थी। संस्था की ओर से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम जिलाधिकारी को सौंपा गया है। बिल्डरों ने भी राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर को दोबारा पटरी पर लाने के लिए स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में कमी करने की मांग की है। बिल्डरों ने शहर के सर्किल रेट भी एक बार फिर नए सिरे से निर्धारित करने की मांग जिलाधिकारी से की है। जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बिल्डरों को बताया था कि 1 जनवरी 2021 से जिले में नए सर्किल रेट लागू किए जा सकते हैं। जिसके लिए अफसरों की 4 समितियों का गठन किया गया है। जो जिले में जमीन की वास्तविक कीमतों का पता लगा रही हैं।

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