बड़ी खबर: गौतमबुद्ध नगर में अब 4 कोविड-19 अस्पताल, कैलाश अस्पताल में उपचार शुरू, जिले में 500 मरीजों का एकसाथ इलाज संभव

बड़ी खबर: गौतमबुद्ध नगर में अब 4 कोविड-19 अस्पताल, कैलाश अस्पताल में उपचार शुरू, जिले में 500 मरीजों का एकसाथ इलाज संभव

बड़ी खबर: गौतमबुद्ध नगर में अब 4 कोविड-19 अस्पताल, कैलाश अस्पताल में उपचार शुरू, जिले में 500 मरीजों का एकसाथ इलाज संभव

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

कैलाश अस्पताल में पहली बार कोरोनावायरस से संक्रमित 2 मरीज भेजे गएgangaअब जिले में एकसाथ 500 संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा सकता हैgangaपहला आइसोलेशन वार्ड ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में काम कर रहा है।

कोरोनावायरस के खिलाफ चल रहे अभियान में गौतमबुद्ध नगर को एक और बढ़त मिल गई है। अब जिले में कोरोनावायरस का इलाज करने के लिए 4 अस्पताल तैयार हो गए हैं। ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में मंगलवार को पहली बार कोरोनावायरस से संक्रमित 2 मरीजों को भर्ती करवाया गया है। यह कोविड-19 हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा कैलाश अस्पताल के प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में विकसित किया गया है। जिसकी क्षमता 100 मरीजों का एकसाथ उपचार करने की है। जिसके बाद अब जिले में एकसाथ 500 संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा सकता है।

गौतमबुद्ध नगर के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ सुनील कुमार दोहरे ने बताया कि कैलाश अस्पताल ग्रेटर नोएडा को एल-1 कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित कर दिया गया है। अब जिले में चार आइसोलेशन फैसिलिटी उपलब्ध हैं। पहला आइसोलेशन वार्ड ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में काम कर रहा है। जिसकी क्षमता सबसे ज्यादा 200 बेड की है। वहां अभी 45 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। दूसरा आइसोलेशन वार्ड नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल में है। जिसकी क्षमता 50 बिस्तरों की है और वहां 17 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। 

तीसरी आइसोलेशन फैसिलिटी ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में विकसित हो चुकी है। जिसकी क्षमता 100 बिस्तरों की है। मंगलवार को पहली बार वहां 2 मरीजों को उपचार के लिए भेजा गया है। चौथा आइसोलेशन वार्ड ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में है। वहां एक साथ 150 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा सकता है। अभी राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आइसोलेशन वार्ड में केवल 57 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इस तरह जिले में उपलब्ध 500 बिस्तरों में से केवल 113 बिस्तर ऑक्यूपाइड हैं।

आपको बता दें कि कोरोनावायरस का संक्रमण शुरू होने के साथ सबसे पहले ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आइसोलेशन वार्ड विकसित किया गया था। तब केवल 20 लोगों का एक साथ उपचार किया जा सकता था। इसके बाद नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड पीजीआई में आइसोलेशन वार्ड विकसित किया गया और वहां केवल 17 मरीजों का इलाज करने की क्षमता उपलब्ध थी। जैसे-जैसे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी, उसके साथ ही गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने संसाधनों का विकास करना तेजी से शुरू कर दिया था। 

इस कड़ी में सबसे बड़ी उपलब्धि शारदा मेडिकल कॉलेज के आगे आने से हासिल हुई थी। शारदा मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्रस्ताव दिया कि वह अपने यहां 200 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड विकसित कर सकते हैं। जिसे तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी थी।

दूसरी ओर जिला प्रशासन ने राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान और सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड का विस्तार कर दिया। इसके बाद गौतमबुद्ध नगर के सांसद और कैलाश अस्पताल समूह के संस्थापक डॉ महेश शर्मा ने प्रस्ताव दिया कि वह ग्रेटर नोएडा के प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में 100 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड विकसित कर सकते हैं। इस प्रस्ताव को भी उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी थी। अब कैलाश अस्पताल में उपचार शुरू हो गया है।

अभी ग्रेटर नोएडा के नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी 100 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है। वहां भी संक्रमित मरीजों का उपचार करने के लिए सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी दी जा चुकी है। अभी तक गौतमबुद्ध नगर में एक साथ 500 संक्रमित मरीजों का उपचार करने की सुविधाएं विकसित की जा चुकी हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन का कहना है कि अगले कुछ दिनों में यह क्षमता 1000 बिस्तरों तक विकसित हो जाएगी।

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