Tricity Today | Kamal Nath
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा देने का ऐलान किया है। कमलनाथ ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार को संभावित फ्लोर टेस्ट से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि वह आज राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। दूसरी ओर अगले एक या दो सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी गतिरोध के बीच आज दोपहर 12 बजे शुरू हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की जनता धोखा देने वाले बागियों को माफ नहीं करेगी। इसी दौरान उन्होंने कहा कि वह आज राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कमलनाथ सरकार को आज शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इसके बाद कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराना था। मगर फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने शुक्रवार को अपने आदेश में कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट से आज शाम पांच बजे तक गुजरने का आदेश दिया था। इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराएं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को भी कहा था। कोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने पहले कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। हालांकि, इसके बाद कोरोना वायरस का हवाला देते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के इस फैसले को पलटते हुए शुक्रवार को 5 बजे तक फ्लोट टेस्ट कराने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराने को लेकर दिए आदेश का शिवराज सिंह चौहान ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने न सिर्फ अपना बहुमत खोया है, इसने मध्य प्रदेश के साथ धोखा किया है। यह सरकार कल फ्लोर टेस्ट में गिर जाएगी।
विधानसभा में 230 विधायक संख्या है, जिनमें से 24 स्थान रिक्त है। 206 विधायकों के सदन में बहुमत के लिए 104 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। कांग्रेस के 92 और सपा, बसपा व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से यह आंकड़ा 99 तक ही पहुंचता है।