Greater Noida: आइसोलेशन वार्ड में मरीजों खेल रहे कौन बनेगा करोड़पति

Greater Noida: आइसोलेशन वार्ड में मरीजों खेल रहे कौन बनेगा करोड़पति

Greater Noida: आइसोलेशन वार्ड में मरीजों खेल रहे कौन बनेगा करोड़पति

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सामने सबसे बडी चुनौती वार्ड में समय को बिताने की होती है। इसके लिए राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के आइसोलेशन वार्ड में नित नये प्रयोग होते हैं। 

जिम्स प्रबंधन ने मरीजों के साथ व्हाटसअप ग्रुप बनाकर कौन बनेगा करोड़पति जैसा गेम खेल रहे है। इससे मरीजों का मन भी लगा रहता है। उन्हें बोरियत महसूस नहीं होती है। साथ ही वार्ड में टीवी लगा हुआ है। जिसमें वह न्यूज चैनल से लेकर मनोरंजन तक चैनल पर कार्यक्रम देखते हैं।

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में 20 बेड का आइसोलशन वार्ड बना हुआ है। यहां आने वाले मरीजों की हालत बहुत खराब नहीं है। यही कारण है कि अभी तक किसी के लिए वेंटिलेटर का प्रयोग नहीं किया गया है। 14 दिन तक इसके लिए भर्ती रहना जरूरी है। इसके चलते यहां पर मरीजों के सामने टाइम पास की दिक्कत होती है। मरीज दिनभर कितना अपना मोबाइल चलाएगा। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिम्स के निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता नये-नये प्रयोग करते हैं। ताकि इलाज के साथ-साथ मरीज को मानसिक रूप से तैयार किया जा सके।

जिम्स प्रबंधन ने मरीजों के साथ व्हाटसअप ग्रुप बनाकर कौन बनेगा करोड़पति जैसा गेम खेल रहे है। इससे मरीजों का मन भी लगा रहता है। उन्हें बोरियत महसूस नहीं होती है। साथ ही वार्ड में टीवी लगा हुआ है। जिसमें वह न्यूज चैनल से लेकर मनोरंजन तक चैनल पर कार्यक्रम देखते हैं।

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में 20 बेड का आइसोलशन वार्ड बना हुआ है। यहां आने वाले मरीजों की हालत बहुत खराब नहीं है। यही कारण है कि अभी तक किसी के लिए वेंटिलेटर का प्रयोग नहीं किया गया है। 14 दिन तक इसके लिए भर्ती रहना जरूरी है। इसके चलते यहां पर मरीजों के सामने टाइम पास की दिक्कत होती है। मरीज दिनभर कितना अपना मोबाइल चलाएगा। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिम्स के निदेशक डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता नये-नये प्रयोग करते हैं। ताकि इलाज के साथ-साथ मरीज को मानसिक रूप से तैयार किया जा सके।

मरीज देते हैं बेबाकी से जवाब
निदेशक डॉ. गुप्ता ने मरीजों और डॉक्टरों के बीच व्हाट‘सअप ग्रुप बनवा दिया। इस ग्रुप में वह खुद भी जुड़े हुए हैं। इस ग्रुप का मुख्य उद‘देश्य यह है कि अगर किसी को कोई दिक्कत हो तो इस पर भेज दे। उसकी समस्या का समाधान जल्द हो जाएगा। लेकिन अब इस ग्रुप का उपयोग मरीजों के बीच क्विज प्रतियोगिता के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इस ग्रुप में एक प्रश्न भेजा जाता है। उसका उत्तर सभी मरीजों को देना होता है। कई बार कोई फोटो डाल दी गई, उसका नाम बताना होता है। इससे मरीजों का मन लगा रहता है।

योग सत्र भी करा देते हैं मरीजों के लिए
वार्ड में सभी मरीजों के लिए योग सत्र कराया जाता है। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। सभी अपने बेड के पास योग करते हैं। ये सब मरीजों को खूब भाता है। आइसोलेशन वार्ड में इस तरह की गतिविधियां कराने से पहले सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया जाता है। ताकि प्रोटोकाल के विरुद्ध कोई काम ना हो।

टीवी पहले ही लगाया जा चुका
वार्ड में टीवी पहले ही लगाया जा चुका है। टीवी में मरीज अपने हिसाब से कार्यक्रम देखते हैं। कोई रामायण-महाभारत को पसंद करता है तो कोई न्यूज चैनल देखता है। मरीजों के मनोरंजन के लिए यह  बढ़िया साधन है।

आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के साथ व्हाट‘सअप ग्रुप बना दिया है। इसके जरिये क्विज प्रतियोगिता भी हो जाती है। किसी भी गतिविधि कराने से पहले सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जाता है।
-डॉ. (ब्रिगेडियर) राकेश गुप्ता, निदेशक जिम्स

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