Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने गुरूवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर धरना दिया और नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि प्राधिकरण लम्बे समय से किसान विरोधी नीति पर काम कर रहा है। किसानों की जायज मांगों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। प्राधिकरण कार्यालय में जबरन घुसने को लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
किसान सभा की गौतमबुद्धनगर ईकाई ने पहले से की गुरूवार को प्राधिकरण कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा कर रखी थी। सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में किसान प्राधिकरण कार्यालय पर इकटठा होना शुरू हो गए। किसान सभा के जिलाध्यक्ष दीपचन्द ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण लम्बे समय से किसानों के मुददों को लटकाए हुए है। जानबूझकर उनका निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
रूपेश वर्मा ने कहा कि किसानों को अभी 64 फीसदी मुआवजे की बढी दरों का भी लाभ नहीं मिल सका है। किसानों की दस फीसदी आबादी प्लाट और आबादी बैकलीज के मामले लम्बे समय से लम्बित हैं। किसान सभा के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी प्राधिकरण अफसरों का सौंपा। ज्ञापन में किसानों से जुड़ी तमाम मांगों को रखा गया है। धरना स्थल पर पहुंचे तमाम नेताओं ने एक सुर में कहा कि जमीन अधिग्रहण के बाद किसान परिवारों के युवा बेरोजगार हो गए हैं। किसान परिवारों का बचाने के लिए उनकी जमीनों पर लगाए जा रहे उद्योगों में स्थानीय युवकों के लिए पचास फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
धरना स्थल पर पहुंचे सपा नेता राजकुमार भाटी और सीटू के जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त शर्मा ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन किया और ऐलान किया कि जब तक किसानों से जुड़ी मांगें पूरी नहीं की जाती आन्दोलन जारी रहेगा। धरना स्थल पर मौजूद किसानों को इंजीनियर वीरसिंह, सूबेदार बृहमपाल आदि नेताओं ने भी सम्बोधित किया। प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो इस बार आन्दोलन आर पार का होगा।