लॉकडाउन में शराब माफिया हावी, सरकार ने नकेल कसने का आदेश दिया, नोएडा में पड़े छापे

लॉकडाउन में शराब माफिया हावी, सरकार ने नकेल कसने का आदेश दिया, नोएडा में पड़े छापे

लॉकडाउन में शराब माफिया हावी, सरकार ने नकेल कसने का आदेश दिया, नोएडा में पड़े छापे

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

लॉकडाउन में जहां एक ओर पूरा देश परेशान है वहीं, माफिया इस मौके को भी भुनाने से नहीं चूक रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार को अंदेशा है कि शराब माफिया अवैध शराब बना रहा है और ऊंची कीमतों पर लोगों को बेच रहा है। सरकार ने सभी जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान और नोएडा-लखनऊ के कमिश्नर को आदेश दिया है कि शराब माफिया पर नकेल कसी जाए। सरकार चाहती है कि किसी भी सूरत में अवैध शराब की बिक्री राज्य में नहीं होनी चाहिए। 

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रमुख सचिव संजय एस भूसरेड्डी ने आदेश भेजकर कहा है कि लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानें पूरे राज्य में बंद कर दी गई हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि शराब का अवैध कारोबार करने वाले लोग और माफिया सक्रिय हो गए होंगे। इन लोगों पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। सरकार चाहती है कि ऐसे लोगों को पकड़ा जाए। इनके खिलाफ गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कठोर कार्यवाही की जाए। प्रमुख सचिव ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिया है कि किसी भी सूरत मैं अवैध शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए।

सरकार ने यह कार्यवाही करने का आदेश दिया
जिलाधिकारी आबकारी विभाग, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीमों का गठन करेंगे। यह टीम छापामारी अभियान चलाएगी। इस वक्त कोरोनावायरस का प्रकोप है। लिहाजा, टीम में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखेंगे।

नेशनल हाईवे पर चलने वाले ढाबे अवैध शराब का बड़ा स्रोत बन सकते हैं। दरअसल, यहां अल्कोहल से भरे टैंकर रुकते हैं। ऐसा हो सकता है कि अल्कोहल के टैंकरों से चोरी करके बाजार में शराब भेजी जाए।

पूर्व में यह देखने में आया है कि शराब बनाने की बंद पड़ी फैक्ट्रियों में भी अवैध शराब बनती हुई पकड़ी गई है। ऐसी फैक्ट्रियों को चिन्हित करके चेक किया जाए और इन स्थानों पर सतर्क दृष्टि रखी जाए।

अवैध शराब के धंधे से जुड़े माफियाओं के विरुद्ध गैंगस्टर, गुंडा एक्ट और एनएसए के तहत कार्यवाही की जाए। 

जिन स्थानों पर अवैध शराब की बिक्री करने का शक हो, वहां छापेमारी की जाए और ऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए।

पेंट, थिनर और वार्निश की दुकानों से सैंपलिंग की जाए और जांच करवाई जाए। दवाओं और टिंक्चर में अल्कोहल के रूप में शराब का दुरुपयोग हो सकता है। इसे रोकने के लिए ड्रग्स डिपार्टमेंट और एक्साइज डिपार्टमेंट की टीमें बनाकर कार्यवाही की जाएं।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.