Tricity Today | Noida Metro
अब तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ही जांच के दायरे में रहते हैं। अब नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) भी जांच के दायरे में आ गए हैं। कारपोरेशन में तैनात अधिकारियों पर एक्शन की तलवार लटक गई है। किसी भी समय केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एनएमआरसी में जांच शुरू कर सकती है। ऐसी शासन से जानकारी मिल रही है।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त को अगस्त 2019 में एनएमआरसी के मुख्य वित्त अधिकारी, महाप्रबंधक (वित्त) और कार्यकारी निदेशक पूर्णदेव उपाध्याय, महाप्रबंधक (तकनीकी) मनोज बाजपेयी, अपर महाप्रबंधक (कार्मिक) एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी रजनीश पांडेय, कनिष्क सिंह उप महाप्रबंधक (आपरेशन, रेवन्यू, एएफसी, टेलीकम्यूनीकेशन, एक्स फाइनेंस), कंपनी सचिव निशा वाधवन, वीपीएस कोमर (स्टॉफ ऑफिसर-मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ शिकायत मिली थीं। लोकायुक्त जांच कर रहे थे। अब लोकायुक्त ने यह जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
बड़े घोटाले की आशंका
लोकायुक्त ने जांच रिपोर्ट में बड़े घोटाले की आशंका जताई है। लोकायुक्त ने सीबीआई से जांच करवाने की सिफारिश कर दी है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट की वकील अमिता सिंह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील मदन राम सोनकर ने उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त को इन छह अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दी हैं। जिनमें कुप्रशासन, लोक वित्त का दुरुपयोग, नियुक्ति में अनियमितिताएंं, अनुसूचित जाति के साथ भेदभाव, भ्रष्टाचार के सुबूत पेश किए गए हैं। दोनों वकीलों ने लोकायुक्त से जांच करवाने का आग्रह किया था।
शासन कर रहा विचार
लोकायुक्त की रिपोर्ट पर शासन में अध्य्यन चल रहा है। शासन में उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि किसी भी समय सीबीआई जांच की अनुमति दी जा सकती है। वहीं, दूसरी ओर जैसे ही लोकायुक्त की रिपोर्ट शासन में पहुंची है, उससे ठीक पहले 14 फरवरी को एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक पूर्णदेव उपाध्याय ने खुद को रिलीव कर लिया है।
अमेरिका में हैं ईडी
अब तक एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक रहे पीडी उपाध्याय ने खुद को कार्यमुक्त करने के लिए हवाला दिया है कि वह 17 फरवरी से सात मार्च तक निजी कार्य से व्यक्तिगत व्यय पर अमेरिका जा रहे हैं। इस अर्जित अवकाश के लिए उन्होंने 9 जनवरी को वित्त विभाग में आवेदन किया था। उन्हें मंजूरी प्राप्त हो गई है। अर्जित अवकाश की मंजूरी होने के बाद उन्होंने यह जानकारी ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक को दी थी। बताया कि 15 फरवरी से 7 मार्च तक 22 दिन का अवकाश स्वीकृत हो गया है।
अब तक क्यों कार्यमुक्त नहीं हुए
गौरतलब है कि शासन ने 26 अगस्त, 2019 को एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक पूर्णदेव उपाध्याय का तबादला राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कर दिया था। उत्तर प्रदेश शासन की ओर से विशेष सचिव प्रकाश बिन्दू ने पत्र जारी करके उन्हें एनएमआरसी के महाप्रबंधक वित्त और कार्यकारी निदेशक के पद से कार्य मुक्त कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद पीडी उपाध्याय ने एनएमआरसी को नहीं छोड़ा था। लोकायुक्त की रिपोर्ट शासन पहुंचने के बाद अब आनन-फानन में खुद ही रिलीव हो गए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद से एनएमआरसी में हड़कंप मचा हुआ है।