सुपरटेक अपकंट्री में फ्लैट्स की रजिस्ट्री होने तक नहीं देना होगा मेंटेनेंस चार्ज, निवासियों के विरोध पर पहुंची पुलिस

सुपरटेक अपकंट्री में फ्लैट्स की रजिस्ट्री होने तक नहीं देना होगा मेंटेनेंस चार्ज, निवासियों के विरोध पर पहुंची पुलिस

सुपरटेक अपकंट्री में फ्लैट्स की रजिस्ट्री होने तक नहीं देना होगा मेंटेनेंस चार्ज, निवासियों के विरोध पर पहुंची पुलिस

Google Image | सुपरटेक अपकंट्री में फ्लैट्स की रजिस्ट्री होने तक नहीं देना होगा मेंटेनेंस चार्ज, निवासियों के विरोध पर पहुंची पुलिस

ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) के किनारे सुपरटेक बिल्डर की अपकंट्री (Supertech Upcountry) हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले लोगों ने मंगलवार को बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। निवासी बैनर पोस्टर लगाकर धरने पर बैठ गए। जानकारी मिलने के बाद दनकौर कोतवाली के इंस्पेक्टर सोसाइटी में पहुंचे। लोगों से विरोध प्रदर्शन की वजह पूछी। निवासियों ने बताया कि अभी सोसाइटी में कोई सुविधा बिल्डर नहीं दे रहा है। बेहद कम संख्या में घर बनाकर तैयार किए हैं, जो परिवार यहां रह रहे हैं, उनके नाम अभी फ्लैट की रजिस्ट्री भी नहीं की गई हैं। इसके बावजूद बिल्डर मेंटेनेंस चार्ज वसूल करना चाहता है। यहां रह रहे परिवार मेंटेनेंस चार्ज नहीं देना चाहते हैं। इस पर पुलिस इंस्पेक्टर ने निवासियों के पक्ष को सही माना और मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बुलाकर लिखित में लिया कि जब तक निवासियों के नाम उनके घरों की रजिस्ट्री नहीं कर दी जाएंगी, तब तक मेंटेनेंस चार्ज की वसूली नहीं की जाएगी। इस पर निवासियों ने खुशी जाहिर की है।

सुपरटेक अपकंट्री हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले बीएम गुप्ता ने बताया, "सुपरटेक अपकंट्री प्रोजेक्ट में करीब 500 आवंटी हैं। विला प्रोजेक्ट में 30 और फ्लैट्स टावर में 20 आवंटी आकर रहने लगे हैं। इन परिवारों को बिल्डर ने अब तक कोई सुविधा नहीं दी है। मैंने 46 लाख रुपए में घर खरीदा था। यहां आकर रहने लगे तो पता लगा कि कोई सुविधा ही नहीं है। इसके बावजूद हर महीने करीब 1300 बिल्डर मेंटेनेंस चार्ज ले रहा है। सभी 50 परिवारों ने मिलकर इस वसूली का विरोध किया। बिल्डर के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट में कोई सुनवाई नहीं की। मजबूर होकर हम लोग धरने पर बैठ गए। कई दिन से हमारा विरोध बिल्डर के खिलाफ चल रहा था। अब मंगलवार को दनकौर कोतवाली के इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे। उन्हें हमने पूरी जानकारी दी। इंस्पेक्टर ने मेंटेनेंस डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अधिकारियों को बुलाया और हम लोगों के सामने बैठाकर बातचीत की। सोसाइटी का हाल और शून्य सुविधाएं देखकर पुलिस अफसरों ने हमारी बात को सही माना। उन्होंने मेंटेनेंस डिपार्टमेंट से लिखवा कर लिया है कि जब तक फ्लैट की रजिस्ट्री हमारे नाम नहीं हो जाएंगी, तब तक मेंटेनेंस चार्ज की वसूली नहीं की जाएगी।"

घर ख़रीदारों के आंदोलन के बाद यह फैसला हुआ है कि जब तक फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं होती, तब तक रखरखाव शुल्क नहीं लगेगा। इतना ही नहीं बिजली के प्रीपेड मीटर से भी पैसे कक कटौती नहीं कि जाएगी। बीएन गुप्ता ने बताया कि इस हाउसिंग सोसायटी के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सुपरटेक बिल्डर को भूमि का आवंटन किया था। जिसकी एवज में अभी तक बिल्डर ने प्राधिकरण का पूरा पैसा नहीं चुकाया है। इस वजह से विकास प्राधिकरण सोसाइटी का कंपलीशन सर्टिफिकेट और ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है। बिल्डर ने सोसाइटी पर किसी कंपनी से कर्जा भी ले रखा है। जिसके चलते आवंटियों के नाम घरों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही हैं।

सोसाइटी के निवासियों ने कहा, "बिल्डर पहले फ्लैट की रजिस्ट्री करवाएगा। उसके बाद यहां सुविधाओं का विकास करेगा, तो हम लोगों को मेंटेनेंस चार्ज देने में किसी भी तरह की हिचक नहीं होगी। लेकिन जब तक यह 2 शर्ते पूरी नहीं की जाती हैं, कोई मेंटेनेंस चार्ज नहीं दिया जाएगा। दूसरी ओर दनकौर कोतवाली के इंस्पेक्टर ने दोनों पक्षों के बीच यह स्थिति साफ कर दी है कि फ्लैट की रजिस्ट्री के बिना मेंटेनेंस चार्ज की वसूली बिल्डर नहीं करेगा। अगर दोबारा बिल्डर के मेंटेनेंस डिपार्टमेंट ने लोगों को चार्ज वसूली के लिए परेशान किया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह बाकायदा निवासियों ने मेंटेनेंस डिपार्टमेंट से लिखित में लिया है।

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