यमुना प्राधिकरण के दो सीनियर अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, शासन ने चार्जशीट किया, नोएडा की सीईओ जांच करेंगी, ये है मामला

यमुना प्राधिकरण के दो सीनियर अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, शासन ने चार्जशीट किया, नोएडा की सीईओ जांच करेंगी, ये है मामला

यमुना प्राधिकरण के दो सीनियर अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, शासन ने चार्जशीट किया, नोएडा की सीईओ जांच करेंगी, ये है मामला

Google Image | Yamuna Exressway Authority

यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दो सीनियर अफसरों की सरकार ने चार्जशीट कर दिया है। इनमें महाप्रबंधक (प्लानिंग) और वरिष्ठ प्रबंधक (प्लानिंग) शामिल हैं। दोनों पर काम में लापरवाही बरतने, अपनी जरूरत के मुताबिक प्रस्ताव बनाने और बोर्ड बैठकों में लिए गए निर्णयों का अनुपालन नहीं करने का आरोप है। इस मामले की जांच के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी को जांच अधिकारी नामित किया गया है। महाप्रबंधक प्लानिंग का हाल ही में यमुना प्राधिकरण से ग्रेटर विकास नोएडा प्राधिकरण में स्थानांतरण हुआ है।

यमुना प्राधिकरण में मीना भार्गव महाप्रबंधक प्लानिंग के पद पर तैनात रही हैं। हाल ही में उनका स्थानांतरण ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में हुआ है और उन्होंने वहां पदभार संभाल लिया है। इसके अलावा ऋुतराज व्यास वरिष्ठ प्रबंधक प्लानिंग के पद पर तैनात हैं। यमुना प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों ने पाया कि दोनों अधिकारियों का कामकाज ठीक नहीं है। इसकी आंतरिक जांच कराई गई। जांच के बाद आरोप पत्र तैयार करके शासन को भेज दिए गए। साथ ही दोनों के निलंबन की सिफारिश भी की गई थी। अब शासन की ओर से अनु सचिव आनंद कुमार सिंह ने इसे गंभीरता से लिया है। मामले की जांच नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी को सौंपी है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। दोनों अधिकारी कार्रवाई की जद में आ गए हैं।

दोनों अफसरों गम्भीर आरोप हैं

जीएम प्लानिंग और वरिष्ठ प्रबंधक प्लानिंग पर आरोप है कि आवंटियों की शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं करने और प्राधिकरण के कामों में सहयोग नहीं करते हैं। यह भी आरोप है कि प्लानिंग (नियोजन) विभाग की पत्रावलियों पर विभाग का तकनीकी मन्तव्य का उत्तरदायित्व नहीं लेते हैं। दोनों अधिकारी अपनी सुविधानुसार गलत प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करते हैं। इन आरोपों को देखते हुए शासन ने उप्र सरकारी सेवक नियमावली के तहत कार्रवाई की बात कही है। इन आरोपों की जांच के लिए अधिकारी नामित कर दिया गया है। अब शासन को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

126 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में भी फंसे हैं

यमुना प्राधिकरण में 126 करोड़ रुपये का जमीन घोटाला भी हुआ था। इसमें शासन कार्रवाई कर चुका है और मामला सीबीआई के पास है। मथुरा के पास मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीद कर प्राधिकरण को नुकसान पहुंचाया गया था। इस मामले में तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता समेत दर्जनभर लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इसमें फर्जी कंपनी बनकार जमीन खरीदी गई। पैसों का भुगतान भी नियमों के विरुद्ध हुआ था।

कई और मामलों में है बड़ा गड़बड़झाला

यमुना प्राधिकरण में जमीन खरीद के कई और मामलों में गड़बड़ी है। जहांगीरपुर में बिजलीघर की जमीन में भी गड़बड़ी हुई है। कई और गांवों में मास्टर प्लान से बाहर जमीन खरीदी गई है। इन मामलों में कई बड़े अफसरों के शामिल होने की आशंका है। कई जगह जमीन तो खरीद ली गई, लेकिन आज तक उसका इस्तेमाल ही नहीं किया गया है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.