Greater Noida Board Meeting में बड़ा फैसला, आरडब्ल्यूए और एओए को मान्यता दी गई, अब ये काम कर सकेंगी

Greater Noida Board Meeting में बड़ा फैसला, आरडब्ल्यूए और एओए को मान्यता दी गई, अब ये काम कर सकेंगी

Greater Noida Board Meeting में बड़ा फैसला, आरडब्ल्यूए और एओए को मान्यता दी गई, अब ये काम कर सकेंगी

Tricity Today | Greater Noida Board Meeting में बड़ा फैसला, आरडब्ल्यूए और एओए को मान्यता दी गई

शहर के सेक्टरों में करा सकेंगी काम, वित्तीय अधिकार भी मिलेंगेgangaग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आरडब्ल्यूए को मान्यता देने पर लगी मुहरgangaसेक्टर के विकास कार्यों में आधा पैसा देना होगा, आमदनी के रास्ते भी खुलेंगे

मंगलवार को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक ऑनलाइन हुई है। जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मंगलवार की बोर्ड बैठक में सबसे बड़ा फैसला शहर के सेक्टरों और हाउसिंग सोसायटी में काम कर रही रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) व अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) को मान्यता दे दी गई है।

अब ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण आरडब्ल्यूए, एओए और कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटियों को मान्यता देगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मान्यता मिलने के बाद सेक्टरों से जुड़े कार्य आरडब्ल्यूए को कराने होंगे। इन कार्यों पर सालाना होने वाले कुल खर्च का 50 फीसदी पैसा आरडब्लयूए को देना होगा। आरडब्लयूए के आमदनी के रास्ते भी प्राधिकरण ही बताएगा।

ग्रेटर नोएडा में करीब 100 आरडब्ल्यूए, एओए और कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी हैं। इनमें से करीब 60 पंजीकृत हैं। अभी तक आरडब्ल्यूए सेक्टर की समस्याओं को लेकर प्राधिकरण और आम जन के बीच पुल का कार्य करती हैं। इनकी ओर से बताई समस्याओं पर प्राधिकरण काम भी कराता है। 

गेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने बताया कि शहर की आरडब्यूए को मान्यता देने के लिए काफी दिनों से मांग की जा रही थी। अब प्राधिकरण ने यह मांग पूरी कर दी है। पहली बार प्राधिकरण ने इनको मान्यता दी है। अब पंजीकृत आरडब्ल्यूए, अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन और कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटियां मान्यता के लिए आवेदन करेंगी। प्राधिकरण उनको मान्यता देगा और उसके लिए नियम भी तय हो गए हैं।

इन संस्थाओं को यह काम काज करने होंगे

आरडब्लयूए को प्राधिकरण ने मान्यता के बदले आरडब्ल्यूए के लिए काम भी तय कर दिए हैं। इन कामों को दो श्रेणी में रखा है। पहली श्रेणी अनिवार्य कार्य शामिल किए गए हैं। इसमें पालतू कुत्तों का पंजीकरण, आवारा कुत्तों की समस्या, खाली भूखंडों की सफाई आदि शामिल हैं।

दूसरी श्रेणी में वैकल्पिक कार्य शामिल किए गए हैं। इसमें सामुदायिक केंद्र की देखभाल और संचालन, घरों से निकल रहे कूड़े का प्रबंधन, सफाई व्यवस्था, पेड़ों की सिंचाई-छंटाई, पार्कों व ग्रीन बेल्ट की देखभाल, स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव आदि कार्य शामिल हैं।

आरडब्ल्यूए के आमदनी के रास्ते भी खुलेंगे

सेक्टर में होने वाले खर्च में आरडब्ल्यूए को आधा पैसा देना होगा, लेकिन विकास प्राधिकरण आरडब्ल्यूए को आमदनी के रास्ते भी बताएगा। आरडब्ल्यूए को सामुदायिक केंद्र का संचालन मिलेगा। इसका पैसा भी उसे ही मिलेगा। सेक्टर में लगने वाली रेहड़ी-पटरी से वसूली कर सकेंगे। आरडब्ल्यूए के सदस्य तय किया हुआ मासिक या वार्षिक शुल्क ले सकेंगे। यह भी योजना बनाई जा रही है कि अगर किसी सेक्टर में बड़ा पार्क है तो उसमें जाने के लिए शुल्क लगाया जा सकता है। मान्यता देते समय यह भी बताया जाएगा कि आरडब्ल्यूए को कहां-कहां से पैसा लेना है।

पुरानी व्यवस्था का भी रहेगा विकल्प

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि सीईओ ने यह भी कहा कि अगर आरडब्ल्यूए मान्यता नहीं चाहती है तो वह पुरानी व्यवस्था के तहत काम कर सकती है। यह निर्णय आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों पर निर्भर है। अगर मान्यता लेनी है तो उसे नये नियमों के तहत काम करना होगा। इसका पूरा खाका तैयार किया गया है। 

अब तक 35 संस्थाओं ने मान्यता के लिए आवेदन किया है

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में अब तक 35 आरडब्ल्यूए ने मान्यता के लिए आवेदन आया है। सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि बची हुई आरडब्ल्यूए भी आवेदन कर सकेंगी। इसकी कार्ययोजना जल्द  ही सार्वजनिक की जाएगी ताकि आरब्डल्यूए इसका फायदा ले सकें।

अब अपनी याचिका वापस लेगी फेडरेशन

फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष देवेंद्र टाइगर ने प्राधिकरण के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि फेडरेशन काफी लंबे समय से ग्रेटर नोएडा की आरडब्ल्यूए को मान्यता देने की मांग कर रही थी। फेडरेशन ने इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर रखी है। प्राधिकरण द्वारा मान्यता दिए जाने पर फेडरेशन याचिका को वापस लेगा। फेडरेशन ने प्राधिकरण से मांग की है कि वह आरडब्लूए को मान्यता के साथ फंड देने की व्यवस्था करे।

इसके फैसले के विरोध में भी शहर का एक धड़ा

आरडब्लयूए को मान्यता देने का शहर का एक धड़ा विरोध में भी है। एक्टिव सिटीजन टीम के वरिष्ठ सदस्य आलोक सिंह ने कहा कि आरडब्ल्यूए की मान्यता को लेकर पहले भी कई बैठकें हुईं। इसमें आरडब्लूए को रखरखाव की ज़िम्मेदारी या वित्तीय अधिकार नहीं देने की मांग उन्होंने की थी। आरडब्लूए के सदस्य तकनीकी विशेषज्ञ नहीं होते हैं। वह अपना समय देकर सेक्टर की बेहतरी के लिए काम करते हैं। प्राधिकरण से मांग है कि कोई भी रखरखाव या अन्य कार्य आरडब्लूए को ना सौंपे, जिसके लिए वो तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हैं।

दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने कहा, "ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आरडब्ल्यूए को मान्यता देने पर मुहर लगा दी है। आवेदन करने वाली आरडब्ल्यूए को मान्यता दी जाएगी। पुरानी व्यवस्था भी लागू रहेगी।"

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