ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर बड़ी वारदात, दबंगों ने टोल कर्मचारियों को लहूलुहान किया, सीसीटीवी में कैद पूरी घटना

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर बड़ी वारदात, दबंगों ने टोल कर्मचारियों को लहूलुहान किया, सीसीटीवी में कैद पूरी घटना

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर बड़ी वारदात, दबंगों ने टोल कर्मचारियों को लहूलुहान किया, सीसीटीवी में कैद पूरी घटना

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

दादरी के बील गांव स्थित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर टोल प्लाजा की घटनाgangaस्कॉर्पियो कार में सवार होकर आए थे आठ लोग, टोल मांगने पर कर्मचारियों को पीटा

ग्रेटर नोएडा के दादरी में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर स्कॉर्पियो में सवार 8 दबंगों ने टोल मांगने पर एक कर्मचारी को बुरी तरह पीटा। यह घटना बील गांव स्थित टोल प्लाजा की है। घायल टोल कर्मचारी को दादरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मारपीट की पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हुई है।

दादरी के बील गांव स्थित ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे टोल प्लाजा मंगलवार की रात टोल कर्मचारी को टोल का पैसा मांगना महंगा पड़ गया। आरोप है कि स्कॉर्पियो में सवार 8 दबंगों ने टोल कर्मचारी को बुरी तरह पीटा। जिससे वह घायल हो गया। टोल कर्मियों ने घायल को दादरी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। यह पूरी वारदात टोल पर लगे सीसीटीवी में कैद रही है। घटना की सूचना पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

पहले भी शहर में टोल प्लाजा पर हुए हैं हमले

यमुना एक्सप्रेस वे, नेशनल हाईवे-91 और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार नेताओं, दबंगों और बदमाशों ने टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों के साथ मारपीट की है। करीब 10 दिन पहले ही दादरी टोल प्लाजा पर एक नेता ने गुंडागर्दी की थी। जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। टोल प्लाजा के कर्मचारियों का कहना है कि हम लोगों के साथ होने वाली मारपीट और झगड़ों के मामले में कंपनियां और पुलिस गंभीर कार्रवाई नहीं करती हैं। जिसके कारण ऐसी वारदातें लगातार हो रही हैं।

अब टोल प्लाजा पर महिलाएं भी तैनात हैं

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपने टोल प्लाजा पर महिलाओं को भी तैनाती दी है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर लड़कियां काम करती हैं। ऐसे में यह अराजकता का माहौल और ज्यादा खतरनाक है। टोल प्लाजा पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा परेशान राजनीतिक दलों से जुड़े लोग करते हैं। टोल पर केवल विधायक, सांसद और मंत्रियों को ही निशुल्क आने-जाने की सुविधा प्राप्त है। राजनीतिक दलों के छोटे-बड़े पदाधिकारी अपने वाहन निशुल्क निकालने के लिए दबाव बनाते हैं। अक्सर इन्हीं मुद्दों पर विवाद हो जाता है। इसका खामियाजा कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है।

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