Greater Noida: दुजाना के मनीष नागर सेना में लेफ्टिनेंट बने, जानिए गांव में क्यों है जश्न का माहौल

Greater Noida: दुजाना के मनीष नागर सेना में लेफ्टिनेंट बने, जानिए गांव में क्यों है जश्न का माहौल

Greater Noida: दुजाना के मनीष नागर सेना में लेफ्टिनेंट बने, जानिए गांव में क्यों है जश्न का माहौल

Tricity Today | दुजाना के मनीष नागर सेना में लेफ्टिनेंट बने

ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके में दुजाना गांव के युवक मनीष नागर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। शनिवार को पासिंग आउट परेड में वह शामिल हुए। मनीष की कामयाबी से गांव में जश्न का माहौल है। दरअसल, इस गांव के युवक लगातार सेना, पुलिस और न्याय पालिका में जा रहे हैं।  युवकों में गैंगस्टर अनिल दुजाना के कारण हुई गांव की बदनामी को खत्म करने की कसक है। गांव के लोग लगातार अपील करते आए हैं कि उनकी पहचान एक गैंगस्टर से नहीं की जाए बल्कि गांव में पढ़ लिखकर नाम रोशन कर रहे युवकों से की जाए।

मनीष नागर सेना की इंजीनियरिंग कोर मे लेफ्टिनेंट बन गए हैं। दुजाना निवासी शिक्षक भूपेन्द्र नागर ने बताया कि मनीष नागर परीक्षा उत्तीर्ण की। सेना की तरफ से इंदौर में 4 वर्षीय प्रशिक्षण पूर्ण किया। कल इस प्रशिक्षण के पूर्ण होने पर इंदौर में सेना के प्रशिक्षण स्थल पर पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। जिसमें से परेड के एक भाग का नेतृत्व मनीष नागर ने किया।

भूपेन्द्र नागर ने बताया कि आर्मी टेस (टेक्निकल एंट्री स्कीम) की परीक्षा भी NDA और CDS की तरह ही आयोजित की जाती है। जिसके लिए विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट होना आवश्यक है। मनीष बचपन से ही एक होनहार छात्र रहे हैं। इनके पिता भी भारतीय नोसेना मे वारंट ऑफिसर के रूप मे कार्यरत हैं। मनीष की उपलब्धि पर गांव के बड़े-बुजुर्गों ने उसे आशीर्वाद दिया है। मनीष से गांव के युवाओं ने प्रेरणा प्राप्त की है।

दुजाना गांव में इससे पूर्व भी कई लोग सेना मे विभिन्न उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गांव का एक युवक अनिल दुजाना जरायाम की दुनिया में गया और उसके कारण पूरे गांव का नाम बदनाम हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव की पहचान अनिल के नाम पर नहीं मनीष जैसे युवकों के नाम से होनी चाहिए। मनीष जैसे युवा की गांव के बाकी बच्चों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

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