जेवर एयरपोर्ट का मास्टर प्लान तैयार, जांच के लिए भारत सरकार भेजा गया, कई मामलों में खास होगा यह एयरपोर्ट

जेवर एयरपोर्ट का मास्टर प्लान तैयार, जांच के लिए भारत सरकार भेजा गया, कई मामलों में खास होगा यह एयरपोर्ट

जेवर एयरपोर्ट का मास्टर प्लान तैयार, जांच के लिए भारत सरकार भेजा गया, कई मामलों में खास होगा यह एयरपोर्ट

Tricity Today | Jewar International Airport

Noida International Airport: जेवर में प्रस्तावित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) का मास्टर प्लान भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (Airport Authority Of India) को उत्तर प्रदेश सरकार ने भेज दिया है। करीब एक सप्ताह पहले विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी (Zurich International Airport AG) ने मास्टर प्लान यमुना प्राधिकरण (Yamuna Authority) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (Noida International Airport Limited) को सौंप दिया था। मास्टर प्लान मंगलवार को नागर विमानन मंत्रालय को भेजा गया है। जानकारी मिली है कि इसके तकनीकी परीक्षण में करीब एक माह का समय लगेगा।

जेवर में बनने जा रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मास्टर प्लान ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने पिछले सप्ताह नियाल को सौंपा था। विकासकर्ता कंपनी ने एयरपोर्ट के चार फेज का मास्टर प्लान तैयार किया है। इसमें टर्मिनल बिल्डिंग, कामर्शियल स्पेश, होटल, कार्यालय, एजूकेशन ट्रेनिंग सेंटर, कार्गो सुविधा और वाहन पार्किंग को शामिल किया गया है। इसके अलावा मेंटीनेंस, रिपेयर, ओवरहालिंग की सुविधा विकसित की जाएगी। टर्मिनल बिल्डिंग में ही दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड ट्रेन का स्टेशन बनाया जाएगा।

जाँच के बाद वापस नियाल के पास आएगा मास्टर प्लान

यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने कहा, "नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के पास मास्टर प्लान की तकनीकी जांच करने के लिए विशेषज्ञों की टीम उपलब्ध नहीं है। इसलिए मास्टर प्लान का तकनीकी परीक्षण नागर विमानन मंत्रालय से करवाया जा रहा है। परीक्षण के बाद मास्टर प्लान वापस आएगा। फिर यमुना प्राधिकरण से मास्टर प्लान को स्वीकृत दिलाई जाएगी। उसके बाद आखिर में नियाल के बोर्ड में रखा जाएगा।"

टर्मिनल बिल्डिंग में होगा दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल का स्टेशन

इस एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में कामर्शियल गतिविधियों के लिए भी बड़ा स्थान रखा गया है। टर्मिनल बिल्डिंग में कमर्शियल स्पेश चिन्हित कर लिया गया है। टर्मिनल बिल्डिंग में दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल का स्टेशन बनाया जाएगा। जिससे यात्री आसानी से रेल और हवाई जहाज के बीच आवाजाही कर सकें। इस सुविधा वाला यह अपने आप में अनोखा एयरपोर्ट होगा। टर्मिनल बिल्डिंग में सभी सुविधाएं एक छत के नीचे विकसित की जाएंगी।

एक रनवे से शुरू होगा और छह रनवे तक विकास होगा

आपको बता दें कि नोएडा एयरपोर्ट 1,334 हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा। यह चार फेज में बनाया जाएगा। पहले फेज में दो रनवे बनाए जाएंगे। हालांकि, वर्ष 2023 में एयरपोर्ट एक रनवे के साथ हवाई सेवा शुरू करेगा। शुरुआत में 1.20 करोड़ यात्री सालाना इस एयरपोर्ट का उपयोग करेंगे। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सभी तरह के यात्री विमान उड़ान भर सकेंगे।

देश में घरेलू उड़ानों का यह सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयरब्रिज की सुविधा उपलब्ध होगी। करीब 75 फीसदी घरेलू उड़ान यहां से होंगी। यह एयरपोर्ट देश में घरेलू उड़ानों का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा। एयरपोर्ट में रिजर्व कार पार्किंग भी होगी। एयरपोर्ट के 24 हेक्टेयर क्षेत्र में होटल, कार्यालय, ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे। एयरपोर्ट परिसर में कार्गो की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

श्रीलंका, सिंगापुर और थाईलैंड को पीछे छोड़ देगा

इस एयरपोर्ट पर विमानों की मेंटीनेंस, रिपेयर, ओवरहालिंग (एमआरओ हब) की सुविधा भी होगी। विकासकर्ता कंपनी दस वर्ष की समय अवधि के अंदर इस सुविधा के लिए जरूरी ढांचा विकसित करेगी। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने बताया कि विकासकर्ता कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चारों फेज का मास्टर प्लान सौंप चुकी है। तकनीकी परीक्षण के लिए इसे नागर विमानन मंत्रालय को भेजा गया है।

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