Tricity Today | IAS Rani Nagar & BSP Chief Mayawati
हरियाणा कैडर की युवा आईएएस अधिकारी रानी नागर के साथ बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती खड़ी हो गई हैं। मायावती ने शनिवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से रानी नागर के पक्ष में एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरियाणा सरकार को इस मामले में लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया है।
1. यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर की मूल निवासी व हरियाणा कैडर की आईएएस-2014 अधिकारी रानी नागर द्वारा, अपने कुछ उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन सहित इन्हें जान को खतरे के विरोध में, अन्ततः इस्तीफा देने की जो बात कही है यह अति-गंभीर मामला है। सरकार इसका तुरन्त उचित संज्ञान ले। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) April 25, 2020
2. अनेकों शिकायतों के बावजूद उक्त महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ जारी अत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की हरियाणा व केन्द्र सरकार से भी माँग है। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) April 25, 2020
मायावती का ट्वीट आने के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर छा गया है। रानी नागर गौतम बुद्ध नगर के बादलपुर गांव की मूल निवासी हैं और मायावती भी इसी गांव की रहने वाली हैं। बादलपुर गांव के लोगों ने यह पूरी जानकारी बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंचाई। जिसके बाद शनिवार को मायावती ने रानी नागर के पक्ष में ट्वीट किए हैं।
रानी नागर हरियाणा कैडर की वर्ष 2014 की आईएएस अधिकारी हैं। रानी ने गुरुवार की सुबह करीब 4:00 बजे अपने फेसबुक वॉल पर लिखा। उन्होंने बताया कि वह हरियाणा में नौकरी नहीं कर पा रही हैं। उन्हें और उनकी बहन की जान को खतरा है। वे लॉकडाउन के कारण अपनी नौकरी नहीं छोड़ पा रही हैं। लॉकडाउन के तुरंत बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। फेसबुक पोस्ट के बाद यह पूरा प्रकरण मीडिया में छा गया।
बादलपुर गांव के निवासी उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री करतार सिंह नागर ने पूरी जानकारी बसपा सुप्रीमो मायावती को दी। मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया और रानी नागर को समर्थन दिया है। मायावती ने इस पूरे प्रकरण के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, "यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर की मूल निवासी व हरियाणा कैडर की आईएएस-2014 अधिकारी रानी नागर द्वारा, अपने कुछ उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन सहित इन्हें जान को खतरे के विरोध में, अन्ततः इस्तीफा देने की जो बात कही है यह अति-गंभीर मामला है। सरकार इसका तुरन्त उचित संज्ञान ले। अनेकों शिकायतों के बावजूद उक्त महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ जारी अत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की हरियाणा व केन्द्र सरकार से भी माँग है।"