Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 अस्पताल बनाने की तैयारी चल रही है। ग्रेटर नोएडा के तीन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कोविड अस्पताल में बदल जाएंगे। दूसरी ओर कोरोना मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए बुधवार से प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि, वह संक्रमित होने से बच सकें।
कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करने वाले अस्पतालों के प्रतिनिधि मण्डलों ने राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हुई बैठक में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की सुरक्षा पर चर्चा हुई। मेडिकल स्टॉफ को भी इस बीमारी से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है, इसको लेकर बुधवार से जिम्स में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि कोरोना मरीज कहां और किस तरह से जाएंगे।
जिम्स में मंगलवार को हुई बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में शिशु अस्पताल, शारदा अस्पताल, कैलाश अस्पताल आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता एवं उनकी टीम ने कोविड 19 वायरस से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज एवं डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा को लेकर बातचीत की।
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रखरखाव को लेकर चर्चा की गई। कोविड 19 के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने और रिपोर्ट के ऊपर चर्चा की गई। इसको लेकर एहतियात बरतने को कहा गया।
दूसरी और उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 अस्पताल के तौर पर तब्दील कर दिया जाए। इस फैसले से ग्रेटर नोएडा के तीन मेडिकल कॉलेज कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित हो जाएंगे। इनमें राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, शारदा मेडिकल कॉलेज और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
अभी राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान और शारदा यूनिवर्सिटी में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। एनआईआईएमएस में आइसोलेशन वार्ड तैयार है। वहां जरूरत पड़ने पर कभी भी उपचार किया जा सकता है।