यूपी में खत्म हो जाएंगे संपत्ति से जुड़े लाखों विवाद, योगी सरकार ने निकाला बेहतरीन उपाय, जानिए

यूपी में खत्म हो जाएंगे संपत्ति से जुड़े लाखों विवाद, योगी सरकार ने निकाला बेहतरीन उपाय, जानिए

यूपी में खत्म हो जाएंगे संपत्ति से जुड़े लाखों विवाद, योगी सरकार ने निकाला बेहतरीन उपाय, जानिए

Google Image | Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में संपत्ति से जुड़े लाखों विवाद चल रहे हैं। जिसमें आए दिन मारपीट, बलवा, झगड़े और हत्या तक हो जाती हैं। यह समस्या कानून व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इस पुरानी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य में प्रॉपर्टी डिस्प्यूट खत्म करने के लिए सरकार यह योजना लेकर आई है। जिसे लागू होने के बाद पुराने विवाद खत्म हो जाएंगे और नए विवाद पैदा होने की आशंका नहीं के बराबर होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हर व्यक्ति के पास संपत्ति कार्ड जल्दी पहुंचेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वामित्व एवं संपत्ति कार्ड योजना को लेकर जिला प्रशासन ने गांव के लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि धरातल पर योजना अगर ठीक से लागू हुई तो ग्रामीण क्षेत्रों से बेरोजगारी भी दूर करने में काफी मदद मिलेगी। गांव भी शहर की तरह चमकेंगे। इसके अलावा गांव की सीमाओं को लेकर होने वाले विवाद भी इस संपत्ति कार्ड से खत्म होंगे।

जनपद गौतमबुद्ध नगर में 88 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में पंचायती राज विभाग और तहसील के अधिकारी संपत्ति कार्ड एवं स्वामित्व योजना के लिए इन दिनों ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर रहे हैं। गांव की आबादी वाली जमीन को लेकर आए दिन झगड़ा फसाद होते रहते हैं। क्योंकि आबादी की जमीन पर ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोग अपना-अपना अधिकार जमाते हुए आए हैं। आबादी के इलाकों वाली जमीन का ना तो कभी सर्वे किया गया और ना ही इसके कोई कागजात तैयार किए गए हैं।

रिहायशी प्रॉपर्टी का टाइटल ना होने की वजह से कई परेशानियां

इस वजह से ग्रामीणों को बाहर के व्यक्ति की मदद करने या कानूनी प्रक्रिया में जमानत देने या लेने में परेशानी होती है। हैसियत निर्धारण और विवाद के निपटारे में ग्रामीणों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ‌संपत्ति का आंकलन ना होने पर संपत्ति कर का भी निर्धारण नहीं हो पाता है। संपत्ति की एवज में बैंकों से कर्ज नहीं लिया जा सकता है। इस प्रॉपर्टी का कोई सर्किल रेट नहीं होता है। लिहाजा, खरीद-फरोख्त में कीमतों का निर्धारण करना बेहद मुश्किल है। इन तमाम तरह का आंकड़ा ना होने के कारण राजस्व वसूली में भी काफी नुकसान होता है। अब इन तमाम समस्याओं के निपटारे को लागू की गई स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को उनके संपत्ति का रिकॉर्ड और आधार मिलेगा। 

गौतमबुद्ध नगर की तीनों तहसीलों में ड्रोन से सर्वे शुरू

इसके लिए जनपद गौतमबुद्ध नगर की तीनों तहसीलों में ग्रामीणों को संपत्ति कार्ड दिया जाएगा। जो उनके अहम दस्तावेजों में भी शामिल होगा। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनका संपत्ति कार्ड दिया जाएगा। लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवा लोगों को होगा। यह कार्ड संपत्ति के दस्तावेजों की तरह काम करेगा। इसके जरिए बैंक से युवाओं को लोन भी दिया जाएगा। इस कार्ड के बाद किसी दस्तावेज की बैंक में आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। गांव-गांव संपत्ति कार्ड बनाने के लिए पंचायत विभाग और राजस्व विभाग को सर्वे किया जा रहा है। 

इसके लिए शासन प्रशासन ने सर्वे कराने के लिए ड्रोन की व्यवस्था की है। एक-एक व्यक्ति की संपत्ति का सर्वे किया जा रहा है। ड्रोन के सर्वेक्षण के बाद उसकी सूची तैयार करके ग्रामीणों से आपत्ति भी ली जाएंगी। जिसे स्वामित्व रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) दिवाकर सिंह ने बताया कि संपत्ति कार्ड की व्यवस्था लागू होने के बाद जमीन से संबंधित झगड़े खत्म होने में मदद मिलेगी। इससे किसान मजबूत होंगे और गांव में घर-घर संपत्ति का रिकॉर्ड भी प्रशासन के पास उपलब्ध होगा।

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