मां का दुख नहीं देखा जाता और मैं कुछ नहीं कर पा रही हूं, नोएडा की युवती ने सुसाइड नोट में लिखी दर्द भरी कहानी

मां का दुख नहीं देखा जाता और मैं कुछ नहीं कर पा रही हूं, नोएडा की युवती ने सुसाइड नोट में लिखी दर्द भरी कहानी

मां का दुख नहीं देखा जाता और मैं कुछ नहीं कर पा रही हूं, नोएडा की युवती ने सुसाइड नोट में लिखी दर्द भरी कहानी

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

मां को खाना नहीं खिला पाने से दुखी बेटी ने दी जानgangaसुसाइड नोट में लिखा- मैं मां के लिए कुछ नहीं कर पाई

नोएडा में शनिवार को एक बेहद दुखद घटना हुई है। सेक्टर-126 के रायपुर गांव में एक युवती ने दुपट्टे के फंदे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को युवती के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि उसकी मां घरों में जाकर मांगकर खाना खाती थी। इससे परेशान होकर वह आत्महत्या कर रही है। लिखा, "मुझे दुख इस बात का है कि वह चाह कर भी मां के लिए कुछ नहीं कर पाई है। मैं इस काबिल भी नहीं है कि अपनी मां को खाना खिला सके।"

थाना प्रभारी ने बताया कि अलीगढ़ के गांव नगला जोखिया हरणपुर निवासी नेत्रपाल मेहनत मजदूरी करके परिवार का गुजारा करते हैं। वह अलीगढ़ में ही रहते हैं, जबकि उनकी पत्नी और 19 साल की बेटी कविता सहित तीन बच्चे सेक्टर-126 स्थित रायपुर गांव में राधे चौहान के मकान में किराये पर रहते हैं। गुरुवार की रात करीब 8 बजे कविता ने मां से कहा कि वह ऊपर कमरे में कपड़े सुखाने जा रही है। इसके बाद कविता ने कमरे में जाकर छत से लगे कुंडे से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा आत्महत्या कर ली। 

कुछ देर बाद जब उसकी मां कमरे में पहुंची तो कविता का शव कुंडे से लटका हुआ था। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतका के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने लिखा है कि उसकी मां घरों में जाकर खाना मांगकर खाती है। उससे मां की यह हालत देखी नहीं जाती है। वह अपनी मां के लिए कुछ नहीं कर पा रही है, इससे परेशान होकर आत्महत्या कर रही है।

थाना प्रभारी ने बताया कि कविता दसवीं पास थी। घर की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते युवती पिछले कई महीनों से नौकरी की तलाश में थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण उसे कहीं काम नहीं मिला। अनलॉक होने के बाद भी युवती ने नौकरी ढूंढने के लिए काफी प्रयास किए, मगर उसे सफलता नहीं मिली। युवती का छोटा भाई भी मजदूरी करता है। उसकी कमाई से परिवार का गुजारा नहीं हो पाता है। मजबूर होकर इनकी मां पड़ोस और गांव के घरों में जाती थी। खाना मांगकर अपना और बच्चों का पेट भर रही थी। इसी दबाव में आकर उसने आत्महत्या कर ली है।

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