मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज का नाम बदला गया, खड़ा हुआ पॉलिटिकल बवंडर

मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज का नाम बदला गया, खड़ा हुआ पॉलिटिकल बवंडर

मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज का नाम बदला गया, खड़ा हुआ पॉलिटिकल बवंडर

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राजनीति में आस्थाएं सरकारों के आने और जाने के साथ बदलती रहती हैं। ऐसा ही एक बड़ा उदाहरण मेरठ-हापुड़ में देखने को मिला है। समाजवादी पार्टी की सरकार में तैयार हुए हापुड़ के मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज का नाम अब भाजपा सरकार में बदल गया है। यह कोई सरकारी संस्थान नहीं है। यह सपा शासनकाल में यादव परिवार से नजदीकियां रखने वालीं एमएलसी सरोजिनी अग्रवाल का है। अब मेडिकल कॉलेज का नाम नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस हो गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के शासी बोर्ड (एमसीआई) ने नए नाम से प्रमाण जारी किया है। नाम बदलने को राजनीतिक कारण से जोड़कर देखा जा रहा है।

कॉलेज की संचालक डॉ. सरोजनी अग्रवाल ने जब कॉलेज की नींव रखी तो सपा कार्यकाल में वह एमएलसी थीं। उन्हें मुलायम सिंह यादव के नजदीकी नेताओं में माना जाता था। वह मुलायम सिंह यादव को अपने घर के बड़े बुजुर्ग जैसा कहती थीं। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद डॉ.सरोजनी अग्रवाल भाजपा में शामिल हो गईं। अब वह भाजपा सरकार में भी एमएलसी हैं। संस्थान से जुड़े लोगों की मानें तो मुलायम सिंह यादव का नाम कई तरह की अड़चन पैदा कर रहा था। अब नाम बदलने से कॉलेज का विकास तेजी होगा। जानकारी मिली है कि भाजपा की एमएलसी का कॉलेज और नाम मुलायल सिंह यादव के नाम पर, यह बात भी नेताओं को अटपटी सी लग रही थी।

अब कॉलेज से जुड़े सभी दस्तावेज में नया नाम शामिल हो गया है। कॉलेज में मरीजों की ओपीडी और एमबीबीएस की पढ़ाई चल रही है। वहीं, अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसमें कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। यह कॉलेज हापुड़ शहर के बाहर मेरठ रोड पर है। एक समय था जब सरोजिनी अग्रवाल के ग्रेटर नोएडा में स्थित एनआईटी इंस्टिट्यूट में मुलायम सिंह यादव के सबसे नजदीकी नेता और मंत्री मोहम्मद आजम खान डेरा डेल रहते थे। वह एनआईटी में बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलते थे।

मेरठ की राजनीति से ताल्लुक रखने वालों का कहना है कि यह राजनितिक आस्था का मामला नहीं है। यह पूरी तरह व्यापारिक मामला है। सत्ता के साथ रहने से काम आसान हो जाते हैं। इसी वजह से मेडिकल कॉलेज का नाम मुलायम सिंह यादव के नाम पर रखा गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस कॉलेज से जुड़ी प्रक्रियाओं को तेज रफ्तार से पूरा करवाया था। यह कॉलेज रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ था। खुद मुलायम सिंह यादव शुरुआत करने पहुंचे थे। अब यूपी से समाजवादी पार्टी की सरकार चली गई है। सृजिनि अग्रवाल खुद सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई हैं। कॉलेज का नाम उनकी मौजूदा राजनीतिक आस्था के आड़े आ रहा होगा।

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