डीएम से एनईए ने मुलाकात की, कहा- शहर में छोटे उद्योग बर्बाद हो रहे हैं, राहत का फार्मूला भी बताया

डीएम से एनईए ने मुलाकात की, कहा- शहर में छोटे उद्योग बर्बाद हो रहे हैं, राहत का फार्मूला भी बताया

डीएम से एनईए ने मुलाकात की, कहा- शहर में छोटे उद्योग बर्बाद हो रहे हैं, राहत का फार्मूला भी बताया

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मांग की, कंटेनमेंट जोन के बाहर रखी जाए औद्योगिक इकाईयांgangaएसएमएसई नहीं खुलने से उद्यमियों को बड़ा आर्थिक नुकसान

नोएडा एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन ने मंगलवार की दोपहर जिलाधिकारी सुहास एलवाई से मुलाकात की। एनईए ने डीएम को बताया कि शहर के छोटे उद्योग बर्बाद हो रहे हैं। जितने दिन बंद रहेंगे, उतना ज्यादा कर्ज और खर्च बढ़ता जाएगा। ऐसे में शहर के छोटे उद्योगों को तत्काल शुरू करने की जरूरत है। इसके लिए एनईए ने डीएम के सामने मांग रखी है। जिस पर डीएम ने जल्दी फैसला लेने का आश्वासन दिया है।

एनईए ने कहा, लॉकडाउन 4.0 में राज्य सरकार की ओर से कंटेनमेंट जोन की नई गाइडलाइन जारी की गई हैं। जिसमें एक केस होने पर 250 मीटर और एक से ज्यादा केस होने पर 500 मीटर का रेडियस बतौर कंटेन्मेंट जोन तय किया गया है। ऐसे में इस परिधि से बाहर औद्योगिक इकाईयों के संचालन की अनुमति दी जाए। यह बात मंगलवार को नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी सुहास एलवाई के समक्ष रखी। एनईए ने बताया कि एमएसएमई औद्योगिक इकाईयां बंद होने से प्रत्येक महीने सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि हो रही है।

एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन ने कहा, लॉकडाउन होने के कारण एमएसएमई सेक्टर के अधिकांश उद्योग बंद पड़े हैं। इकाइयों में रखा कच्चा माल खराब होने के साथ-साथ महीनों की मैंटिनेंस न होने से मशीने भी लगभग खराब होने की कगार पर हैं। जिसके कारण इस सेक्टर के उद्योगों को आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में राज्य सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार जो उद्योग कंटेंमेन्ट जोन के बाहर हैं, उन्हें शुरू करने की अनुमति दी जाए। 

विपिन मल्हन ने बताया कि औद्यौगिक क्षेत्र के आसपास सेक्टर-5, 8, 9,10 और सेक्टर-11 में प्राधिकरण की अरबों रुपये की जमीन पर लोगों ने झुग्गी-झोपड़ी बनाकर कब्जा किया गया है। जिसका खामियाजा औद्यौगिक इकाईयों को भुगतना पड़ रहा है। इन झुग्गियों में कोरोना संक्रमित मरीज सबसे ज्यादा निकल रहे हैं। घनी आबादी होने के कारण यहां कोरोना संक्रमण कम होने में समय लग सकता है। यदि औद्यौगिक क्षेत्रों को इन कंटेन्मेंट जोन से अलग नहीं किया गया तो नोएडा की हजारों औद्योगिक इकाइयां चल ही नहीं पाएंगी। इस परिस्थति में औद्यौगिक सैक्टरों को कंटेनमेंट जोन से बाहर रखा जाए। 

विपिन मलहन ने कहा, जोन का दायरा सिर्फ झुग्गियों में सीमित रखा जाए। जहां कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये हैं, उसके आसपास की 5-10 झुग्गियों को सील कर सीमित रखा जाए। ताकि सभी उद्योगों का संचालन आसानी से हो सके। जब तक छोटे उद्योग नही खुलेंगे, तब तक बड़े उद्योग भी नहीं चल पाएंगे। ऐसे में सेक्टर-9 की इंडस्ट्रियल मार्केट को खोलने की अनुमति दी जाए।

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