Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोगों को बैंकॉक और पटाया घूमने का बड़ा शौक है। बीवी-बच्चों से छिपकर साल में कई-कई बार दोस्तों संग निकल लेते हैं। लेकिन अब ऐसे लोगों पर आफत आ रही है। कोरोना वायरस के चक्कर में लोगों के छुप-छुपकर विदेश घूमने की पोल खुल रही है। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग विदेश से आने वालों की ट्रैवल हिस्ट्री देखकर उनके घर पहुंच रहा है। उनके घर जाकर चेकअप किया जा रहा और होम क्वारंटाइन कर रहे हैं।
अभी तक 138 से ज्यादा ऐसे लोग पकड़े जा चुके हैं, जिन्होंने घर में मुम्बई और कन्याकुमारी जाने का बहाना बनाया और थाईलैंड घूम आए। अब खुलासा होने से घर में क्लेश हो रहा है। कोरोना पर नियंत्रण के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग विदेश से लौटने वालों की खास निगरानी कर रहा है। अभी तक गौतमबुद्ध नगर में करीब तीन हजार लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री तैयार की गई है। ये लोग 14 फरवरी के बाद विदेश घूमने गए थे। इनमें भी आधे होली की छुट्टियों के दौरान बाहर सैर-सपाटा करने गए थे।
ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें बिजनेस टूर कहकर घर से निकले लेकिन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक, पटाया और मकाऊ की ट्रैवल हिस्ट्री निकली। कई ऐसे लोग मिले हैं, जो होली के दौरान मथुरा-वृंदावन जाने की बात कहकर घर से निकले लेकिन फुकेट का चक्कर मार आए। धार्मिक यात्रा का खुलासा रोमांटिक टूर में होते ही उनके घर में कलह मच गई है। घर वालों की नाराजगी कोरोना से ज्यादा उनकी मौज-मस्ती को लेकर है।
दादरी के 4 लोगों 14 फरवरी की शाम बैंकॉक में गुजारी। पेशे से कारोबारी चारों लोग मुम्बई में बिजनेस टूर बताकर घर से निकले थे। अब ट्रैवल हिस्ट्री में थाईलैंड आते ही उनकी शामत आ गई है। यही हाल तमाम लोगों का है। कई के घर में तलाक की नौबत आ गई है। कजाखिस्तान घूमकर आए ग्रेटर नोएडा के कई लोगों की तलाश चल रही है। कजाखिस्तान में भी रोमांटिक सैर सपाटे के लिए चर्चित है। इस रहस्य से पर्दा भी प्रशासन द्वारा ट्रैवल हिस्ट्री के लिए की गई पूछताछ के बाद उठा। उनका पासपोर्ट घरवालों ने चेक किया तो तमाम छिपी हुई विदेश यात्राएं सामने आ गईं। उनके कारण घरवालों के निशाने पर ट्रैवल ऑपरेटर भी आ गए हैं।
ट्रैवल ऑपरेटरों के मुताबिक इसमें उनकी क्या गलती है। सारे वैध दस्तावेज होने पर ही टिकट व पैकेज बुक करते हैं। घर से बताकर जा रहे हैं या छिपाकर, इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर ने बताया कि जब हम ऐसे कई लोगों के घर पहुंचे तो उनकी हालत देखने लायक थी। परिवार के सदस्यों ने पहले तो सीधे कहा कि उनके यहां से तो कोई विदेश नहीं गया। जब हमने तारीख और नाम बताया तो परिवार वालों को माजरा समझ में आ गया। इन लोगों में युवा और अधेड़ उम्र वाले ज्यादा शामिल हैं। ऐसे सभी लोगों को 14 दिनों के लिए घरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई हैं।