Lucknow: उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में एक बड़ा सुधार हुआ है। नए महाविद्यालयों को यूनिवर्सिटी से संबंध कराना और नए कोर्स संचालित कराने के लिए मान्यता लेना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। परंतु उत्तर प्रदेश में एक बदलाव से अब ये चुनौती खत्म हो जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने नए महाविद्यालयों और पहले से संचालित महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और संबद्धता लेने की प्रक्रिया को अब पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है।
प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में नए महाविद्यालयों तथा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय से एनओसी और संबद्धता लेने की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। आगामी शैक्षिक सत्र 2021-22 से संबद्धता ऑनलाइन ही दी जाएगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि अभी तक एनओसी तथा संबंधित प्रस्तावों का निस्तारण ऑफलाइन प्रक्रिया के जरिए किया जाता था। प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से इस नई प्रक्रिया को लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की जमीन के संबंध में दस्तावेजों के सत्यापन की रिपोर्ट भी ऑनलाइन भेजी जाएगी। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए भी प्रकिया सरल और पारदर्शी बनाई गई है। इन संस्थाओं के लिए एनओसी प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय के ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर सभी आवश्यक कागजात सहित आवेदन करने का प्रावधान किया गया है। उसके बाद संबंधित विश्वविद्यालय एनओसी जारी करेगा।
उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस पी गर्ग ने बुधवार को इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एनओसी तथा संबद्धता प्रस्तावों के ऑनलाइन निस्तारण के लिए समय सीमा तय की गई है। कोविड-19 के मद्देनजर शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए नए पाठ्यक्रमों के लिए प्रस्ताव ऑनलाइन जमा करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2020 है। विश्वविद्यालय द्वारा संबद्धता ऑनलाइन प्रदान करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल, 2021 निर्धारित की गई है। प्रदेश सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को समय सीमा का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।