Yogendra Sharma | Ritu Maheshwari IAS & Yogendra Sharma
नोएडा विकास प्राधिकरण ने 1 अप्रैल से शहर में पानी की दरों में इजाफा किया था। जिसे लेकर व्यापक स्तर पर लोगों ने विरोध जताया था। शहर की सामाजिक संस्था फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (FONRWA) ने विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को पत्र भेजकर इस वृद्धि को वापस लेने की मांग की थी। जिस पर ऋतु महेश्वरी ने फोनरवा को जवाब भेज दिया है।
फोनरवा के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने कहा, "शहर में पानी की दरें बढ़ाने की जानकारी मिलने के बाद हम इस मुद्दे को बार-बार उठा रहे थे। इसके लिए प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की गई। अंततः यह मामला प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी के समक्ष उठाया गया। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पेयजल की बढ़ाई गई दरों को वापस लेने के लिए प्रस्ताव अगली बोर्ड मीटिंग में रखा जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अग्रिम रूप से जल शुल्क जमा करने वाले लोगों को 10% की छूट दी जाती है। शुल्क जमा करने के लिए अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।" योगेंद्र शर्मा ने कहा कि हम फोनरवा और नोएडा शहर की ओर से सीईओ को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।
आपको बता दें कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर के लाखों लोगों को तगड़ा झटका दिया था। प्राधिकरण ने वाटर चार्जेस में बढ़ोतरी कर दी थी। नया टैरिफ लागू कर दिया गया था। जिससे शहर के लोगों में खलबली मच गई थी। यह खबर सामने आने के बाद नोएडा की तमाम सामाजिक संस्थाओं ने विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी से फैसले को वापस लेने की अपील की। नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक बढ़ी दरें एक अप्रैल से लागू की गई थीं। यह दरें आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत, वाणिज्यक, इकोनॉमिक वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) और श्रमिक कुंज जैसी सभी संपत्तियों पर लागू की गई थीं।
इससे पहले प्राधिकरण ने वर्ष 2018 में पानी की दरों में 25 फीसदी बढ़ोतरी की थी। इससे प्राधिकरण के राजस्व में बढ़ोतरी करने का लक्ष्य था। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक दो साल पहले दरों को बढ़ाया गया था। अब भी उन्हीं दरों को रिवाइज किया गया है। जिसके बाद 7.5 फीसद की बढ़ोतरी लागू की गई। दरअसल, पिछले एक महीने से चल रहे लॉकडाउन का असर शहर के विकास कार्यों पर पड़ा है। प्राधिकरण का खजाना लगातार खाली हो रहा है। ऐसे में राजस्व बढ़ाने के लिए यह कदम उठाए गए। इसमें जहां पहले ईडब्ल्यूएस के आवंटियों को प्रतिमाह 27.50 रुपये की दर से भुगतान करना पड़ता था, अब इसमे 7.5 फीसद की बढ़ोतरी के साथ 29.56 रुपये प्रति माह करना पड़ेगा।
इसी तरह एलआइजी के आवंटियों को पहले 37.50 रुपये का प्रतिमाह भुगतान करना पड़ता था। अब उन्हें 40.31 रुपये देने होंगे। वहीं, एचआईजी के आवंटियों को 155 व डूप्लेक्स आवंटियों को 195 रुपये प्रतिमाह का भुगतान करना पड़ता था। अब इनकी दरों में 7.5 फीसद की बढ़ोतरी कर 166.62 और 209.62 रुपये की दर से देना होगा। बीएम पोखरियाल (डीजीएम जल) ने बताया था कि प्राधिकरण की संपत्तियों में पानी की दरों को रिवाइज कर उनकी दरों में 7.5 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है। दूसरी ओर शहर के सामाजिक संगठन इसका विरोध कर रहे थे। संस्थाओं ने प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी से अपील की कि उन्हें इस वृद्धि को वापस लेना चाहिए।