बड़ी खबर: नोएडा के बिल्डर इंटरनेट सेवाओं के लिए सोसायटी निवासियों को बाध्य नहीं कर सकेंगे, डीएम ने जारी किया आदेश

बड़ी खबर: नोएडा के बिल्डर इंटरनेट सेवाओं के लिए सोसायटी निवासियों को बाध्य नहीं कर सकेंगे, डीएम ने जारी किया आदेश

बड़ी खबर: नोएडा के बिल्डर इंटरनेट सेवाओं के लिए सोसायटी निवासियों को बाध्य नहीं कर सकेंगे, डीएम ने जारी किया आदेश

Tricity Today | Suhas LY IAS

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी खबर है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने बड़ी राहत दी है। शहर की हाउसिंग सोसायटी के निवासियों को अब बिल्डर के चुने हुए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से मजबूर होकर कनेक्शन लेने की जरूरत नहीं होगी। अब सोसाइटी के निवासी जिस कंपनी से चाहें सेवाएं ले सकते हैं। अगर बिल्डरों ने लोगों को अपनी मनमर्जी के सर्विस प्रोवाइडर से इंटरनेट सेवा लेने के लिए बाध्य किया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। डीएम ने कहा है कि शहर की हाउसिंग सोसायटी के बिल्डर लोगों को उनकी मनमर्जी के इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से सेवाएं लेने के लिए बाध्य कर रहे हैं। यह देश में कंपटीशन कमिशन की ओर से तय किए गए नियमों का खुला उल्लंघन है। डीएम का कहना है यह भी जानकारी मिली है कि अगर सोसाइटी के निवासी किसी दूसरी कंपनी की सेवाएं लेना चाहते हैं तो उन्हें परेशान किया जाता है। बिल्डर अपनी मनपसंद और चुनिंदा कंपनियों को सोसाइटी में नेटवर्क देने की इजाजत दे रहे हैं। बाकी कंपनियों को सोसाइटी में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई है। ऐसे हालात में सोसाइटी के निवासियों को महंगी और खराब इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करना पड़ रहा है।

जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने पूरे जिले के बिल्डरों को आदेश दिया है कि वह किसी भी इंटरनेट सेवा प्रदाता को सोसायटी परिसर में सेवाएं देने से नहीं रोक सकते हैं। अगर वह ऐसा करेंगे तो इसे कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया के नियम-कायदों के खिलाफ समझा जाएगा। ऐसे मामलों में प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के नियम कायदों को भी इस आदेश में उल्लेखित किया है। डीएम ने बिल्डरों को आदेश दिया है कि वह अगर उनके आदेश का उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। जिसके तहत 1 वर्ष की सजा होगी और अर्थ दंड लगाया जा सकता है।

ठाकुर धीरेंद्र सिंह और तेजपाल सिंह नागर ने डीएम को पत्र लिखे थे

इस मामले को लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासी लगातार गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से शिकायत कर रहे थे। जिस पर अभी तक जिला प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया था। अंततः परेशान होकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। धीरेंद्र सिंह ने 28 जुलाई 2020 को एक पत्र जिलाधिकारी सुहास एलवाई को लिखा था। विधायक ने कहा था कि यह कंपटीशन कमीशन के नियमों का खुला उल्लंघन है। इस पर संज्ञान लेकर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद 14 अगस्त को दादरी के विधायक तेजपाल नागर की ओर से भी डीएम को पत्र भेजा गया था।

नेफोवा ने डीएम के आदेश का स्वागत किया

नेफोवा ने जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश का स्वागत किया है। अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि इस मसले को लेकर हम लोगों ने कई बार जिला प्रशासन से शिकायत की थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई थी। अंततः पिछले महीने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों ने जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह से मुलाकात करके यह मुद्दा उठाया था। धीरेंद्र सिंह ने इस मसले पर मदद करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने जिलाधिकारी से बात की थी और उन्हें बताया था कि यह कंपटीशन कमीशन की ओर से दिए गए अधिकारों का खुला उल्लंघन है। डीएम ने इस मामले में जल्दी ही नियम कायदों का अध्ययन करने के बाद आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था। अब शनिवार को जिलाधिकारी की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है यह आदेश नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों निवासियों को बड़ी राहत देगा।

अभिषेक ने कहा, इससे बिल्डरों की मनमानी और मोनोपोली समाप्त हो जाएगी। अभी बिल्डरों की मनमानी के कारण लोगों को अधिक पैसा चुका कर बेहद घटिया इंटरनेट सेवाएं उपयोग करनी पड़ रही है। इस दौर में जब देश में कमोबेश फ्री मिल रहा है, तब भी हम लोगों को हर महीने हजारों रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। दरअसल, यह पैसा अपनी पसंद के सर्विस प्रोवाइडर के जरिए बिल्डर हमारी जेब से निकाल रहा है।

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