नोएडा की कम्पनी पूरे यूपी में फ्री दे रही है कोरोना वायरस ले जाने वाली ट्यूब, जानिए क्या है VTM

नोएडा की कम्पनी पूरे यूपी में फ्री दे रही है कोरोना वायरस ले जाने वाली ट्यूब, जानिए क्या है VTM

नोएडा की कम्पनी पूरे यूपी में फ्री दे रही है कोरोना वायरस ले जाने वाली ट्यूब, जानिए क्या है VTM

Tricity Today | Viral Transport Medium

-महाराष्ट्र की कंपनी से पहले चरण में पहुंची 157 किट, एक किट में होती है 50 ट्यूबganga-उत्तर प्रदेश के तमाम अस्पतालों में की जा रही है इनकी सप्लाई, जहां चल रहा है कोविड-19 का इलाज

प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। हॉटस्पॉट के अलावा कंटेंनमेंट में लोगों की जांच निरंतर जारी है। आपको बता दें कि जिस ट्यूब में व्यक्ति के स्वैब का सैंपल लेकर प्रयोगशाला तक भेजा जाता है, उस किट की डिमांड निरंतर बढ़ती जा रही है। इसे वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) किट कहा जाता है। 

प्रदेश में यह किट सीएसआर के तहत एचसीएल उपलब्ध करा रहा है। हाल ही में एक हजार किट का आर्डर महाराष्ट्र की कंपनियों को दिया गया। लेकिन अब तक 157 किट ही मेडिकल सप्लाई को भेजी गई हैं। विटीएम नोएडा से विभिन्न जिलों को भेज दी गई हैं।

प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 2 हजार का आकड़ा पार कर चुकी है। लोगों की जांच का दायरा भी बढ़ाया गया है। नई लैब स्थापित की जा रही है। हॉटस्पॉट क्षेत्र भी निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में वीटीएम किट की डिमांड भी तेजी से बढ़ रही है। सीएसआर के तहत काफी पहले ही एक हजार किट मंगवाने का आर्डर दे दिया गया था। यह आर्डर महाराष्ट्र की कंपनी को दिए गए हैं। 

दरअसल, यह किट उत्तर प्रदेश में नहीं बनती है। महाराष्ट्र में ही इसका उत्पाद किया जाता है। ऐसे में वहां से किट आने में देरी होती दिख रही है। अब तक दो बार में कुल 157 किट की सप्लाई हो सकी है। यह किट मेडिकल सप्लाई के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेजी जा रही हैं। लापरवाही के चलते कई बार सैंपल लेने वाले भी ठीक ढंग से सैंपल नहीं लेते हैं। ऐसे में सैंपल लीक हो जाता है। जनपद में भी ऐसा देखा गया है। अब तक करीब 200 से ज्यादा सैंपल लीक भी हो चुके हैं। हालांकि, दोबारा सैंपल लेकर इनको भेजा गया है।

एक किट में होती है 50 ट्यूब, एक हजार किट की सप्लाई शुरू
वीटीएम की एक किट में 50 ट्यूब होती हैं। यानी, एक किट से 50 लोगों का स्वेब सैंपल लेकर इसे प्रयोगशाला तक भेजा जा सकता है। जिला अस्पताल के पैथोलॉजिस्ट डा. एचएम लवानिया ने बताया कि 24 से 48 घंटे तक ट्यूब में सैंपल को रखा जा सकता है। इसे 2 से 8 डिग्री के तापमान में रखकर प्रयोगशाला भेजा जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस किट के जरिए भेजे गए सैम्पल को लैब तक पहुंचने में तीन दिन तक का समय भी लग जाए तब भी सैंपल सूखता नहीं है। साथ ही वह पर्यावरण के संपंर्क में नहीं आता।

पहले चरण में मिली 157 किट , प्रदेश में सप्लाई हुई
एक हजार किट महाराष्ट्र से विभिन्न चरणों में आ जाएंगी। ऐसे में कुल 50 हजार लोगों के सैंपल लिए जा सकते हैं। पहले चरण में 157 किट प्रदेश के विभिन्न जिलों में सप्लाई किए जा चुकी हैं।

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