बड़ा खुलासा: नोएडा-गाजियाबाद के बिल्डरों ने खपाया बिहार में हुए अरबों के घोटाले का पैसा, 39 प्रोपर्टी जब्त

बड़ा खुलासा: नोएडा-गाजियाबाद के बिल्डरों ने खपाया बिहार में हुए अरबों के घोटाले का पैसा, 39 प्रोपर्टी जब्त

बड़ा खुलासा: नोएडा-गाजियाबाद के बिल्डरों ने खपाया बिहार में हुए अरबों के घोटाले का पैसा, 39 प्रोपर्टी जब्त

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

एक सनसनीखेज खुलासे में जानकारी मिली है कि बिहार में हुए अरबों रुपए के घोटाले का पैसा नोएडा और गाजियाबाद के बिल्डर्स प्रोजेक्ट में खपाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नोएडा और गाजियाबाद में ऐसी 39 संपत्तियों को जब्त किया किया है। इन प्रोपर्टी में बिहार में हुए घोटाले का पैसा निवेश किया गया है। इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है और बड़ी संख्या में लोग जेल गए हैं। अब नोएडा और गाजियाबाद के बिल्डर भी सीबीआई और ईडी की रडार पर आ गए हैं।

बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। सृजन घोटाले से जुड़े लोगों की 14.32 करोड़ों रुपये की चल-अलच संपत्तियां अस्थाई तौर पर ईडी ने जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई है। इसमें कई फ्लैट, दुकान, मकान और जमीन शामिल हैं। बैंक खातों में रखी करीब 5 करोड़ की रकम भी जब्त की गई है। ये संपत्तियां घोटाले में शामिल लोगों से जुड़ी हैं। 

घोटाले के पैसे से नोएडा और गाजियाबाद में खरीदी प्रोपर्टी

ईडी ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, वह सब घोटाले के पैसे से खरीदी गई हैं। जब्त संपत्ति में 20 फ्लैट शामिल हैं। ये नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, रांची, भागलपुर और पटना में हैं। जब्त की गई 19 दुकानें नोएडा, गाजियाबाद और भागलपुर में हैं। वहीं, बिहार के विभिन्न हिस्सों में मौजूद 33 जमीन और मकान भी जब्त कर लिए गए हैं। इसके अलावा ईडी ने कई बैंक खातों में मौजूद 4.84 करोड़ रुपए और एक कार भी जब्त की है। 

557 करोड़ रुपये की धनराशि 12 वर्षों के दौरान निकली गई

सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के जरिए हुए इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने मनी लाउंड्रिंग की जांच शुरू की थी। अब तक की जांच में पाया गया कि वर्ष 2003-04 से सरकारी खातों में रखी करीब 557 करोड़ रुपए की धनराशि अवैध तरीके से सृजन के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई थी। कई वर्षों तक ऐसा होता रहा। सृजन की सचिव रही मनोरमा देवी और अन्य लोगों ने सरकारी कर्मचारियों और बैंक कर्मियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया था। 

खातों से पैसा निकालकर बिल्डरों  के यहां निवेश किया गया

सृजन के खाते में आए रुपए को आरटीजीएस, नगद और चेक के जरिए कई लोगों तक पहुंचाया गया है। इन पैसों का इस्तेमाल करके मनोरमा देवी के परिजनों, सरकारी कर्मियों और अन्य लोगों ने नोएडा व गाजियाबाद में संपत्तियां खरीदी हैं। इन्हीं में से 14.32 करोड़ रुपए की संपत्ति को ईडी ने जब्त किया है। हालांकि, इन संपत्तियों का बाजार मूल्य इससे कहीं अधिक बताया जा रहा है। अभी इस मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कई और संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है। मनोरमा देवी की फरवरी 2017 में मृत्यु हो गई है। उसके बेटे और बहु अब तक फरार हैं।

चार बिल्डरों की जांच में जुटी सीबीआई और ईडी, ब्लैक मनी ली

दूसरी ओर मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा और गाजियाबाद के चार बिल्डर ईडी और सीबीआई की रडार पर हैं। ईडी और सीबीआई का मानना है कि इन बिल्डर्स के यहां इस घोटाले से जुड़ी कुछ बेनामी संपत्तियां हो सकती हैं। जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि बिल्डरों ने जितना पैसा व्हाइट मनी के तौर पर लिया है, उससे कहीं ज्यादा पैसा ब्लैक मनी के रूप में लिया गया है। जिसका लेखा-जोखा जांच एजेंसियां तलाश कर रही हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में नोएडा और गाजियाबाद में कुछ बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती हैं।

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