Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
शहर के निजी स्कूल सरकार और जिला प्रशासन के आदेशों को दरकिनार कर मनमानी कर रहे हैं। अब भी पैरंट्स को परिवहन शुल्क जमा करने का सर्कुलर भेज रहे हैं। नोएडा पैरंट्स एसोसिएशन ने इसकी शिकायत डिस्ट्रिक फीस रेगुलेशन कमिटी से की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
एसोसिएशन के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना का कहना है कि सेक्टर-11, 26, 16-ए और सेक्टर-30 में स्थित बड़े स्कूल अभिभावकों को सुर्कलर भेजकर फीस जमा करने की बात कह रहे हैं। वहीं, डीएम ने स्कूलों को साफ निर्देश दिए हैं कि लॉकडाउन के दौरान वे फीस नहीं मांग सकते हैं। अगर कोई स्कूल ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराई जा सकती है। इन आदेशों की धज्जियां खुलेआम उड़ रही हैं। गुरुवार को भी शहर के पांच बड़े स्कूलों ने अभिभावकों को मैसेज भेजे हैं।
यतेंद्र कसाना का कहना है कि शासन की तरफ से नोएडा सहित पूरे प्रदेश में आदेश जारी किए गए हैं कि लॉकडाउन के दौरान जब परिवहन का संचालन नहीं हुआ तो उसकी रकम नहीं वसूली जा सकती है। आदेशों के मुताबिक स्कूल किसी भी अभिभावक पर दबाव नहीं बनाएंगे, लेकिन नोएडा के अधिकांश स्कूल दो से तीन हजार रुपए परिवहन शुल्क के नाम पर मासिक फीस में जोड़कर मांग रहे हैं।
यतेंद्र कसाना का कहना है कि स्कूलों की मनमानी के खिलाफ उन्होंने डिस्ट्रिक्ट फीस रेगुलेशन कमेटी को शिकायत भेजी थी। कमेटी के अध्यक्ष गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी हैं। लेकिन कमेटी की ओर से अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। पेरेंट्स एसोसिएशन को भी कमेटी ने कोई जवाब नहीं भेजा है। बड़ी बात यह है कि स्कूल केवल फीस मांगने के लिए ही दबाव नहीं बना रहे हैं, सर्कुलर में बाकायदा अभिभावकों को लिखकर भेज रहे हैं कि अगर उन्होंने फीस जमा नहीं की तो बच्चों को यूनिट टेस्ट नहीं देने दिए जाएंगे।