Noida : बड़ी संपत्तियों के मालिक और अमीर हो जाएं सावधान, फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग करने वाला पकड़ा गया, जानिए क्या है पूरा मामला

Noida : बड़ी संपत्तियों के मालिक और अमीर हो जाएं सावधान, फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग करने वाला पकड़ा गया, जानिए क्या है पूरा मामला

Noida : बड़ी संपत्तियों के मालिक और अमीर हो जाएं सावधान, फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग करने वाला पकड़ा गया, जानिए क्या है पूरा मामला

Tricity Today | गिरफ्तार ठग

Noida News: बड़ी-बड़ी संपत्तियों के मालिक और करोड़पति अमीर लोगों के लिए खतरे की घंटी है, सावधान हो जाइए। उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने नोएडा में एक ऐसे हाईटेक ठग को गिरफ्तार किया है, जो अमीरों के फिंगरप्रिंट क्लोन करके खाते साफ कर देता है। यह सायबर ठग फिंगरप्रिंट क्लोन करके माइक्रो एटीएम से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। इसे शुक्रवार को साइबर क्राइम पुलिस ने नोएडा से गिरफ्तार किया है। यह आरोपी एईपीएस (आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम) के माध्यम से ठगी की वारदात को अंजाम देता था। इसके पास साइबर क्राइम पुलिस ने बड़ी संख्या में चेक बुक, पैन कार्ड, बायोमेट्रिक मशीनें, रबड़ इंप्रेशन प्रिंटर और अन्य सामान बरामद किया है। 

पुलिस अधीक्षक (सायबर क्राइम) डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि नोएडा के साइबर क्राइम थाना सेक्टर-36 में कई लोगों ने शिकायत की थी। बताया कि कोई एईपीएस के जरिए उनके साथ ठगी कर रहा है। यह कोई आसान बात नहीं है। कोई बेहद टेक्निकल जानकारी रखने वाला व्यक्ति इस तरह के अपराध को अंजाम दे सकता है। इसके बाद साइबर क्राइम की टीम ने छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक में रहने वाले रोहित त्यागी को शुक्रवार को नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। रोहित त्यागी बीसीए पास है। उसकी नौकरी वर्ष 2019 में छूट गई थी। तभी इसे एईपीएस के बारे में हुई।

बीसीए पास इस शातिर ने गूगल से पूरी तकनीक हासिल की और सीखी

डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि  रोहित त्यागी कंप्यूटर साइंस एप्लीकेशन (बीसीए) में बैचलर है। उसने गूगल पर सर्च करके ईएपीएस के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की और फिंगरप्रिंट क्लोन करने लगा। इसके जरिए फिर ठगी करने लगा। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह आरोपी किसी व्यक्ति के फिंगरप्रिंटस को क्लोन तैयार करता है। इसके लिए लेटेस्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल करता है। इसके बाद माइक्रो एटीएम से पैसे का ट्रांसफर कर लेता था। इसके लिए विभिन्न माध्यमों से यह किसी व्यक्ति के बैंक खाता संख्या और आधार कार्ड संख्या प्राप्त कर लेता था।  फिर टारगेटेड व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे की निकासी करता था।

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार के दफ्तरों से हासिल करता था लोगों के फिंगरप्रिंट

साइबर क्राइम पुलिस को जानकारी मिली है कि रोहित त्यागी लोगों के फिंगरप्रिंट हासिल करने के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार के ऑफिस से दस्तावेज हासिल करता था। दरअसल, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के वक्त लोगों को लीज डीड और रजिस्ट्री डाक्यूमेंट्स पर अपने अंगूठे और अंगुलियों के निशान छापने होते हैं। रोहित त्यागी रजिस्ट्रार के ऑफिस से बड़ी प्रॉपर्टीज की रजिस्ट्री हासिल कर लेता था। उन पर छपे हुए फिंगरप्रिंट की क्लोनिंग करके लेटैक्स प्लास्टिक की मदद से उन लोगों के फिंगरप्रिंट बना लेता था। उसके बाद आधार प्रणाली में इन फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके लोगों के बैंक खातों से पैसे निकाल लेता था। पुलिस का कहना है कि इसके काम करने का तरीका पता लगा लिया गया है। अब पूछताछ के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इसके साथ और कौन-कौन लोग इस गोरखधंधे में शामिल है। हालांकि, शुरुआती पूछताछ में उसने जानकारी दी है कि वह पकड़े जाने के डर से अकेला ही इस तरह की जालसाजी को अंजाम दे रहा था।

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