Tricity Today | अब वेस्ट यूपी पर हमला बोलने आ रहा है ग्रास हॉपर गैंग
लॉकडाउन और महामारी से अभी पीछा छूटा भी नहीं है कि एक और नई आफत वेस्ट यूपी की ओर बढ़ रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश पर करोड़ों की संख्या में टिड्डी दल हमला बोलने आ रहे हैं। टिड्डी दल राजस्थान और मध्य प्रदेश से उड़कर हरियाणा और पंजाब में घुस चुका है। अब वेस्ट यूपी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों को अलर्ट जारी किया है कि वह इनसे लड़ने के लिए तैयार रहें।
सबसे बड़ा खतरा हरियाणा के बॉर्डर वाले जिलों को है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और अलीगढ़ को यह है चेतावनी खासतौर पर जारी की गई है। इन जिलों में लहलहा रही फसलों पर अब टिड्डी का खतरा मंडरा रहा है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के रास्ते टिड्डियों के एनसीआर में घुसने की आशंका है। कृषि विभाग ने एनसीआर में टिड्डी दलों के हमले को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।
कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है। खेतों में इस समय गेहूं की फसल कटाई के बाद किसानों ने धान की फसल बोने की तैयारी शुरू कर दी है। धान की फसल के लिए खेतों में काम शुरू कर दिया गया है। कृषि विभाग में एनसीआर में टिड्डी दलों के प्रवेश की आशंका जताई है। टिड्डी दल धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इसीलिए कृषि विभाग ने जनपद गौतमबुद्ध नगर के किसानों को अलर्ट रहते हुए जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है।
एनसीआर में जल्दी दाखिल होने की संभावना है
उप कृषि निदेशक डॉ अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के रास्ते टिड्डियों के दल की एनसीआर में प्रवेश करने की संभावना है। इसीलिए कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, ग्राम प्रधानों और किसानों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। पड़ोसी राज्यों के कुछ इलाकों में टिड्डी दल का प्रकोप है। ऐसे में टिड्डियों का दल जिले में लहलहा रही फसलों पर हमला कर सकता है।
आसमान पर बादल की तरह 5 किलोमीटर की दूरी में छा जाते हैं
कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि टिड्डी का आकार दो से 2.5 इंच होता है। वह 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक दिन में 150 किलोमीटर उड़ने की क्षमता रखती है। टिड्डियां लाखों करोड़ों की संख्या में झुंड के रूप में 3 से 5 किलोमीटर आकार में एक साथ उड़ते हैं। जहां जहां से गुजरते हैं, वहां बादल की तरह अंधेरा छा जाता है। करीब 15 किलोमीटर क्षेत्रफल में यह दिखाई देता है। फसलों की हरी पत्तियां, फल और फूल टिड्डी को काफी पसंद हैं। इसीलिए टिड्डी हमले को देखते हुए पूरे जनपद में अलर्ट जारी किया गया है।
20 से 100 अंडे देती है मादा टिड्डी
उप कृषि निदेशक ने बताया कि मादा टिड्डी मिट्टी में कोस्ठ बनाकर रहती है। प्रत्येक कोस्ठ मे 20 से 100 अंडे रखती है। गर्म जलवायु में 10 से 20 दिन में अंडे फूट जाते हैं। शिशु टिड्डी 5 से 6 सप्ताह में व्यस्क हो जाते हैं। व्यस्क टिड्डियां गरम दिनों में झुंड में उड़ती है। इनके निवास अक्सर भाई स्थान होते हैं जहां जलवायु असंतुलित होती है। इन स्थानों पर रहने से अनुकूल ऋतु इनकी सीमित संख्या को फैलाने में सहायक होती है। यह टिड्डी नदियों के बालू में, घास के मैदान में, शुष्क और गर्म मिट्टी में रहती हैं।
कृषि विभाग की ओर से यह 4 उपाय बताए गए हैं