नोएडा से बड़ी खबर, अब शहर में मल्टीस्टोरी फैक्ट्री लगेंगी, उद्यमियों को और कई फायदे मिलेंगे

नोएडा से बड़ी खबर, अब शहर में मल्टीस्टोरी फैक्ट्री लगेंगी, उद्यमियों को और कई फायदे मिलेंगे

नोएडा से बड़ी खबर, अब शहर में मल्टीस्टोरी फैक्ट्री लगेंगी, उद्यमियों को और कई फायदे मिलेंगे

Tricity Today | प्राधिकरण की बोर्ड बैठक के दौरान मौजूद सीईओ ऋतु महेश्वरी और अन्य अधिकारी।

नोएडा विकास प्राधिकरण के बोर्ड ने मंगलवार को बैठक के दौरान एक बड़े फैसले पर मुहर लगाई है। अब शहर में मल्टी स्टोरी रेजिडेंशियल स्कीम की तरह ही फैक्ट्रियां भी लगाई जा सकेंगी। मतलब, अलग-अलग फ्लोर पर अलग-अलग कंपनियां काम कर सकती हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी करीब 6 महीने से काम कर रही थीं। मंगलवार को बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी है।

नोएडा प्राधिकरण के सामने कुछ समस्याएं हैं। मसलन, जमीन की उपलब्धता तेजी के साथ घट रही है। दूसरी समस्या नोएडा शहर में इंडस्ट्रियल लैंड की कीमत बहुत ऊंची है। वहीं, नोएडा अभी भी उद्योगों की पहली पसंद है। उद्यमी शहर में इंडस्ट्री लगाने के लिए लालायित रहते हैं। इन समस्याओं और जरूरतों का समाधान करने के लिए विकास प्राधिकरण ने बहुमंजिला फैक्ट्री योजना लाने का विचार किया था।

प्राधिकरण की ओर से जारी किए गए प्रेस नोट के मुताबिक अब विकसित हो चुके सेक्टरों में 24 मीटर या इससे ज्यादा चौड़ी सड़कों पर इंडस्ट्रियल प्लॉट्स का एफएआर बढ़ाकर 3 तक कर दिया जाएगा। इस मामले में एक शर्त यह होगी कि भूखंड का क्षेत्रफल 1800 वर्ग मीटर से अधिक होना चाहिए। अब विकास प्राधिकरण नए आवंटन पर 1.5 एफएआर देगा। आवंटी अतिरिक्त पैसा खर्च करके 1 एफएआर और खरीद पाएगा। इतना ही नहीं अगर किसी आवंटी का इंडस्ट्रियल प्लॉट नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो लाइन के 500 मीटर के दायरे में है तो उन्हें 0.5 एफएआर और दिया जा सकता है। मतलब, ऐसे इंडस्ट्रियल प्लॉट्स का एफएआर 3 तक बढ़ाया जा सकता है। कुल मिलाकर अब नए सेक्टरों में 3.5 और पुराने सेक्टरों में 3 एफएआर मिलेगा।

इससे क्या फायदा मिलेगा

नोएडा में सेक्टर 145, 162, 163, 148 और 152 ऐसे ही सेक्टर हैं। एफएआर करीब 2 गुना हो जाने से यहां इंडस्ट्रीयलिस्ट कम जमीन में 2 गुना ज्यादा कवर्ड एरिया का निर्माण कर सकेंगे। मतलब, अगर अभी किसी फैक्ट्री में 100 लोगों के काम करने की जगह है तो वह बढ़कर 200 लोगों तक पहुंच जाएगी। इससे इंडस्ट्री स्थापना की लागत काफी हद तक घट जाएगी। शहर में औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने में सहायता मिलेगी। विकास प्राधिकरण को भी कम जमीन का आवंटन करके ज्यादा राजस्व हासिल होगा।

फ्लैटेड फैक्ट्री नीति को भी मंजूरी मिली

मंगलवार की बोर्ड बैठक में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। इनमें फ्लैटेड फैक्ट्री नीति को भी मंजूरी दे दी गई है। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने जानकारी दी कि फ्लैटेड फैक्ट्री लगाने के लिए 5 एकड़ का भूखंड होना जरूरी है। इस आकार के भूखंड पर ही सब डिवीजन और सबलीज करने की अनुमति दी जाएगी। आवंटित भूखंड पर निर्माण करने के बाद कम से कम कवर्ड एरिया 4000 वर्ग मीटर होना चाहिए। ऐसे भूखंडों पर एफएआर 1.4 दिया जाएगा। इससे ज्यादा एफएआर आवंटी को खरीदना पड़ेगा। विकास प्राधिकरण ने इसके लिए कुछ शर्त और लगाई हैं। इस योजना का फायदा उठाने के लिए ऐसे आवंटी को मौका दिया जाएगा, जिसने अपनी कंपनी कम से कम 5 साल संचालित की है। दूसरी शर्त यह है कि भूखंड के सामने कम से कम 24 मीटर चौड़ी सड़क होनी चाहिए। कंपनी की गतिविधियां प्रदूषण रहित होनी चाहिएं।

नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने कहा, "विकास प्राधिकरण शहर में उद्यमियों और उद्योगों को बेहतर माहौल देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। विकास प्राधिकरण की प्राथमिकता है कि उद्योगों की लागत कम रहे और कम जगह का बेहतर और अच्छा इस्तेमाल किया जा सके। इसी को ध्यान में रखते हुए यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्राधिकरण बोर्ड के सम्मुख रखे गए थे। बोर्ड ने इन्हें मंजूरी दे दी है। जिससे उद्योगों को शहर में बड़ा फायदा होगा।

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