BREAKING: कोरोना का संक्रमण मिलने पर अब सोसायटी नहीं टॉवर सील होगा, लेकिन कुछ बातें जान लीजिए

BREAKING: कोरोना का संक्रमण मिलने पर अब सोसायटी नहीं टॉवर सील होगा, लेकिन कुछ बातें जान लीजिए

BREAKING: कोरोना का संक्रमण मिलने पर अब सोसायटी नहीं टॉवर सील होगा, लेकिन कुछ बातें जान लीजिए

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के लोगों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कंटेनमेंट जोन और सीलिंग से जुड़े नियमों में व्यापक फेरबदल किया है। गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के जिलाधिकारियों की ओर से सरकार को भेजे गए पत्र के आधार पर यह बदलाव किया गया है। अब किसी हाउसिंग सोसाइटी में कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति पाए जाने पर पूरी हाउसिंग सोसायटी को सील नहीं किया जाएगा। बल्कि संक्रमित व्यक्ति के निवास वाले फ्लैट को सील किया जाएगा।

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने मंगलवार की देर रात जानकारी दी है कि उत्तर प्रदेश सरकार से विचार-विमर्श करने के बाद शहरी क्षेत्रों में कोरोनावायरस का संक्रमण मिलने पर कंटेनमेंट जोन और सीलिंग के नियमों में बदलाव किया गया है। अब किसी हाउसिंग सोसाइटी में कोरोनावायरस से एक व्यक्ति संक्रमित मिलने पर केवल उसके टावर को सील किया जाएगा। अगर किसी हाउसिंग सोसायटी में एक से अधिक व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाते हैं तो कंटेनमेंट जोन का दायरा 500 मीटर होगा। उसके बाद 250 मीटर का बफर जोन होगा। अगर 500 मीटर के कंटेनमेंट जोन से बाहर हाउसिंग सोसायटी का कोई टावर आता है तो उसे सील नहीं किया जाएगा।

इस नए आदेश से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई हाउसिंग सोसायटी को बड़ी राहत मिल जाएगी। करीब एक दर्जन हाउसिंग सोसायटी ऐसी हैं, जिनमें केवल कोरोनावायरस से संक्रमण का एक-एक मामला सामने आया है। लेकिन कंटेनमेंट जोन का दायरा ढाई सौ मीटर होने के कारण पूरी हाउसिंग सोसायटी को जिला प्रशासन ने सील कर रखा है। अब ऐसी हाउसिंग सोसायटी में केवल उसी टावर को सील रखा जाएगा, जिसमें संक्रमित व्यक्ति निवास कर रहा है। सोसायटी के बाकी टावर को खोल दिया जाएगा। 

आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट कि हाउसिंग सोसायटी सुपरटेक इकोविलेज वन के लोगों ने सोमवार की रात सीलिंग का विरोध किया था। लोग सड़क पर आ गए थे और पुलिस को सोसाइटी सील नहीं करने दे रहे थे। इस मुद्दे को लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा ने भी जिलाधिकारी और कोविड-19 के प्रभारी अधिकारी नरेंद्र भूषण को पत्र लिखे थे। यह लोग मांग कर रहे थे कि जब हाउसिंग सोसाइटी में एक या दो मामले हैं तो पूरी हाउसिंग सोसायटी को सील करना ठीक नहीं है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

लोगों का कहना है कि एक और सरकार ने काम-धंधे, दफ्तर, बाजार और कंपनियां शुरू कर दी हैं, दूसरी ओर शहर की हाउसिंग सोसायटी लगातार सील होती जा रही हैं। जिसके कारण लोग अपने कार्यालयों में नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में लोगों की नौकरी जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है। लोगों का विरोध आने के बाद मंगलवार की सुबह जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। जिसमें इस मामले को लेकर मार्ग दर्शन मांगा गया था। 

अब शासन ने अनुमति दे दी है कि किसी सोसाइटी में कोरोनावायरस से संक्रमित एक व्यक्ति पाए जाने पर पूरी सोसयटी को सील नहीं किया जाए। केवल उस व्यक्ति के निवास वाले टावर को सील किया जाएगा। हालांकि, अगर किसी सोसाइटी में एक से अधिक संक्रमण के मामले आते हैं तो कंटेनमेंट जोन का दायरा 500 मीटर ही रखा जाएगा। इस स्थिति में पूरी सोसाइटी को सील किया जा सकता है। लेकिन अगर सोसाइटी का क्षेत्रफल बड़ा है और उसके कुछ टावर 500 मीटर के दायरे से बाहर पड़ते हैं तो उन्हें सील नहीं किया जाएगा। अब केवल 500 मीटर के दायरे में आने वाले टावरों को ही सील किया जाएगा।

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