Google Image | रिलायंस बनी देश की सबसे बड़ी कम्पनी
मुकेश धीरूभाई अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। यही नहीं कंपनी ने बीते वित्त वर्ष के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को सबसे ज्यादा जीएसटी चुकाया है। कंपनी ने देश में सबसे ज्यादा कॉरपोरेट टैक्स भी भरा है। बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं वार्षिक महासभा में कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने निवेशकों, प्रमोटरों और शेयरधारकों को यह जानकारी दी है।
मुकेश अंबानी ने बुधवार को पहली बार वर्चुअल एजीएम में संबोधन किया है। कोरोना वायरस के कारण इस बार रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी वार्षिक महासभा ऑनलाइन आयोजित की है। जिसमें 500 स्थानों से करीब एक लाख निवेशकों और शेयरधारकों ने भाग लिया है। वार्षिक महासभा में मुकेश अंबानी की मां भी मौजूद रहीं। मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सरकार को सबसे ज्यादा जीएसटी दिया है।
मुकेश अंबानी के मुताबिक रिलायंस ने पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों को 69,372 करोड़ रुपए बतौर जीएसटी दिए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले वित्त वर्ष में 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम टैक्स भरा है। मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी लगातार जीएसटी और इनकम टैक्स भरने के मामले में रिकॉर्ड बना रही है। हम सरकार के साथ देश को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। यह दोनों धनराशि देश में सबसे ज्यादा है। मतलब रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी करदाता कंपनी बन चुकी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज पर अब कोई कर्ज नहीं
महज एक साल पहले तक रिलायंस इंडस्ट्रीज देश में बैंकों का सबसे बड़ा कर्जदार उद्योग समूह था। महज 6 महीने में मुकेश अंबानी ने शानदार ढंग से रिलायंस समूह को कर्ज मुक्त बना दिया है। मुकेश अंबानी ने महासभा को संबोधित करते हुए कहा, कोरोना वायरस जैसे संकट के दौर में रिलायंस और जियो दुनिया के दिग्गजों से निवेश जुटाने में सफल हुई हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल ब्रांच जियो प्लेटफॉर्म में कंपनी को 22 अप्रैल से 12 जुलाई तक कुल 25.24 फीसदी की हिस्सेदारी की बिक्री से 1,18,318.45 करोड़ रुपए का निवेश मिला है। इसके अलावा कंपनी ने अपने मौजूदा शेयरधारकों को राइट इश्यू जारी करके 53,124 करोड़ रुपए और जुटाए हैं। इस तरह कोरोना काल मे कंपनी ने 1.71 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हासिल किए हैं।
मुकेश अंबानी ने कहा कि इस निवेश की बदौलत कंपनी को कर्ज मुक्त होने में काफी मदद मिली है। दरअसल, मुकेश अंबानी ने साल के अंत तक कर्जमुक्त होने का वादा किया था। लेकिन कंपनी की ओर से 6 महीने पहले ही टारगेट को पूरा कर लिया गया है। बुधवार को कंपनी की महासभा में मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को यह जानकारी भी दी है। दरअसल, मुकेश अंबानी परंपरागत भारतीय अर्थव्यवस्था पर चलकर गैर कर्जदार कारोबार करने की परिपाटी विकसित करना चाहते हैं।
आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का इस वर्ष सकल राजस्व 6,59,205 रुपये है। कम्पनी की ऑपरेटिंग इनकम 1,02,280 करोड़ रुपए है। नेट इनकम 44,324 करोड़ रुपए है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की कुल परिसम्पत्तियां 11,65,915 करोड़ रुपए हैं। कम्पनी में इक्विटी 4,46,992 करोड़ रुपये है। इस तरह रिलायंस इंडस्ट्रीज अब देश की नंबर एक मूल्यवान कंपनी बन चुकी है।