TriCity Today | Alok Singh, Police Commissioner of Gautam Buddh Nagar
गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से माना जा रहा है कि अपराधियों की शामत आ गई है। लेकिन, आम शहरी को भी सुधरना होगा। खासतौर से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों को अब यातायात नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। अब चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस मिलेगी। नियमों का उलंघन करने वालों के साथ सख्ती की जाएगी। दरअसल, देश के जिन 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम काम कर रहा है, उन शहरों की यातायात व्यवस्था शानदार मानी जाती है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा खराब यातायात के लिए देश ही नहीं दुनिया में भी बदनाम है। नए यातायात नियम लागू होने के बाद सड़कों पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है। लेकिन, अभी भी दुपहिया वाहन चालक बगैर हैलमेट दौड़ते नजर आते हैं। कार चालक सीट बेल्ट बांधकर चलने में लापरवाही करते हैं। लेकिन ये लोग जैसे ही दिल्ली की सीमा में प्रवेश करते हैं, सीट बेल्ट लगा लेते हैं। दिल्ली में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है। ठीक ऐसे ही हालात गुरुग्राम और चंडीगढ़ में भी हैं। दूसरी ओर नोएडा में प्रवेश करते ही कार चालक का हाथ सबसे पहले सीट बेल्ट खोलने के लिए जाता है। अब ऐसा नहीं होगा।
कमिश्नर सिस्टम के तहत नोएडा और ग्रेटर नोएडा में यातायात सुधरना पुलिस की प्राथमिकता होगी। अब चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसखड़ी मिलेगी। नियमों का पालन नहीं करने वालों के साथ पुलिस सख्ती करेगी। हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत्त आईजी आरके सिंह का कहना है कि कमिश्नर सिस्टम का मकसद शहर को नियमित और अनुशासित करना होता है। अपराधियों को लगाम लगाने के साथ ही आम शहरी से भी नियमों का पालन करवाना पहली जरूरत है। इसमें यातायात सबसे बड़ी समस्या है। मेरा मानना है कि यातायात नियम तोड़ने से ही हमारे यहां लोगों में कानून के प्रति लापरवाह बनने की भावना बढ़ती है।