ओखला पक्षी विहार और धनौरी वेटलैंड से लौटने लगे प्रवासी पक्षी

ओखला पक्षी विहार और धनौरी वेटलैंड से लौटने लगे प्रवासी पक्षी

ओखला पक्षी विहार और धनौरी वेटलैंड से लौटने लगे प्रवासी पक्षी

Tricity Today | Okhla Bird Sanctuary

ओखला पक्षी विहार और धनौरी वेटलैंड से प्रवासी पक्षियों का लौटना शुरू हो गया है। यहां प्रवास करने वाले अधिकांश पक्षी साइबेरियन होते हैं। तापमान में बढ़ोतरी होना इसकी वजह मानी जा रही है। इस बार नवंबर 2019 में धनौरी में सर्वाधिक 50 हजार प्रवासी पक्षी पहुंचे थे। 

हालांकि, जनवरी 2020 तक इनकी संख्या 10 हजार रह गई। वहीं, ओखला पक्षी विहार में जनवरी 2020 में 10 हजार प्रवासी पक्षी थे। फरवरी अंत में इनकी संख्या बढक़र करीब 20 हजार हो गई है। बताया गया कि धनौरी से ही अधिकांश प्रवासी पक्षी ओखला विहार आए थे। अब दोनों ही जगहों से प्रवासी पक्षियों का जाना निरंतर जारी है। बता दें कि नवंबर से मार्च लगभग पांच महीने तक इन पक्षियों ने यहां प्रवास किया है।
    
इस बार ओखला पक्षी विहार और धनौरी में नवंबर अंत में ही पक्षी आ गए थे। ओखला में बाहर से आए जलीय पक्षी कॉमनटिल, रफ, वुड सेंडपाइपर, कॉमन रेडशेंक, पश्चिमी मार्श हैरियर की संख्या अधिक थी। वन विभाग के अनुसार, धनौरी में ओखला पक्षी विहार से चार गुना अधिक पक्षी प्रवास करने आए थे। जिला वन अधिकारी डीएफ ओ पीके श्रीवास्तव ने बताया कि नवंबर में धनौरी वेटलैंड में 62 प्रजातियों के करीब 50 हजार से अधिक पक्षी देखे गए थे। जबकि जनवरी में ओखला पक्षी विहार में 28 प्रजाति के करीब 10 हजार पक्षी प्रवास कर रहे थे। चार हजार वर्ग किलोमीटर में फैले ओखला पक्षी विहार जलीय पक्षियों की पसंदीदा जगह है। लेकिन, बढ़ते प्रदूषण और ओखला बैराज के निर्माण के कारण पक्षियों को खास देखभाल की जरूरत पड़ती है। 

तापमान में बढ़ोतरी के चलते प्रवासी पक्षियों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया है। ओखला पक्षी विहार को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाना है। इसकी झलक भी देखने को मिल रही है। हाल ही में शासन की ओर से एक करोड़ का बजट भी पास किया गया। इसको संवारने के लिए उप्र निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को नामित किया गया है। वर्तमान में यहां बोट, बेंच और मुख्य गेट बनाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य कार्य आगामी दो से तीन दिन में शुरू हो जाएंगे।

इन प्रजातियों के पहुंचे थे पक्षी
ओखला पक्षी विहार: नॉर्दन शॉवलर, कॉमन टील, यूरेशियन कूट, गडवाल, नॉर्दन पिंटल, ग्रेलेग गूज, यूरेशियन स्पूनबिल, माइग्रेटरी वाटर बर्ड, रैप्टर्स, ग्रेटर फ्लेमिंगो, विस्कर्ड टर्न, कॉमन किंगफि शर, वागटेल्स, मार्श हैरियर, ब्लू टेल्ड बी इटर, लार्ज इग्रेट जैसे अन्य विदेशी पक्षी प्रवास करने पहुंचे।

धनौरी वेटलैंड 
लेक टेल्ड, ब्लू थ्रोट, यूरेशियन वुड्स, नॉर्दन शॉवलर, पिंक टेल्स, कॉमन टील्स, रफ , रेड मुनिया, एलेक्सेड्रीड पैराकिट, परपल स्वेमफेन, लेसर.विस्लिंग डक, कॉटन पिग्मी टील, लेसर गोल्डन फ्लेमबैक, वुडपिकर, ब्लू टेल्ड, बी इटर यूरेशियन, स्पूनबिल, ब्लैक नेकेड स्टार्क, वुली नेकेड स्टार्क व सारस क्रेन की गूंज सुनाई दी।
 

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