Noida: पंकज सिंह ने फोन किया तो गर्भवती महिला अस्पताल में भर्ती की गई, लापरवाह कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं

Noida: पंकज सिंह ने फोन किया तो गर्भवती महिला अस्पताल में भर्ती की गई, लापरवाह कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं

Noida: पंकज सिंह ने फोन किया तो गर्भवती महिला अस्पताल में भर्ती की गई, लापरवाह कर्मचारी सुधरने को तैयार नहीं

Tricity Today | गर्भवती महिला

एक गर्भवती महिला की मौत के बाद गुरुवार को ही नोएडा के ईएसआई अस्पताल का डायरेक्टर हटा दिया गया है। नोएडा जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को हटाने के लिए डीएम ने शासन से सिफारिश कर दी है। 7 प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ एफआइआर का आदेश दिया गया है। लेकिन शायद यह सब कुछ भी नाकाफी है। गौतमबुद्ध नगर का स्वास्थ्य विभाग किसी भी सबक से कुछ सीखने के लिए तैयार नहीं है। गुरुवार को एक बार फिर गर्भवती महिला जिला अस्पताल में भटकती रही और घंटों तक उसे भर्ती नहीं किया गया। अंत में मामला नोएडा के विधायक पंकज सिंह तक पहुंचा। उन्होंने मामले में दखल दिया। अफसरों को फोन किया। तब जाकर महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक गर्भवती महिला गुरुवार की सुबह 11 बजे से अस्पताल के चक्कर काट रही थी। उसे जिला अस्पताल के कर्मचारी बार-बार वापस भेज रहे थे। विधायक पंकज सिंह के हस्तक्षेप के बाद महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है। गर्भवती महिला के परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने कहा कि गाजियाबाद से आए हो वहीं जाकर इलाज कराओ।

गर्भवती महिला के पति राहुल ने बताया कि उनकी पत्नी को सुबह से ब्लीडिंग हो रही थी। जिला अस्पताल पहुंचे तो यहां पर भर्ती नहीं कर रहे थे। कैलाश हॉस्पिटल ले जाकर अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए बोला गया। अल्ट्रासाउंड कराने के बाद जब वापस सेक्टर 30 जिला अस्पताल पहुंचे तो फिर भर्ती करने से इनकार कर दिया गया। राहुल ने जिला अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो कहा कि खोड़ा से आए हो हम भर्ती नहीं करेंगे। आप लोग गाजियाबाद जिले के रहने वाले हो, वहीं जाकर किसी अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। यह पूरा मामला जब नोएडा विधायक पंकज सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल अधिकारियों से बात की। उसके बाद गर्भवती महिला को भर्ती कर लिया गया।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले गाजियाबाद के खोड़ा की निवासी गर्भवती महिला नीलम की नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के अस्पतालों के बीच दौड़ते भागते एंबुलेंस में मौत हो गई थी। आठ सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने गर्भवती नीलम को कोरोना वायरस संदिग्ध मानते हुए लौटा दिया। किसी ने भर्ती नहीं किया था। इस घटना के बावजूद सरकारी अस्पताल सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं और लापरवाही बदस्तूर जारी है।

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