Greater Noida: दिल्ली पुलिस की गाड़ी से घायल भाइयों में एक की मौत, भीड़ ने किया हंगामा

Greater Noida: दिल्ली पुलिस की गाड़ी से घायल भाइयों में एक की मौत, भीड़ ने किया हंगामा

Greater Noida: दिल्ली पुलिस की गाड़ी से घायल भाइयों में एक की मौत, भीड़ ने किया हंगामा

Tricity Today | दिल्ली पुलिस की गाड़ी से घायल भाइयों में एक की मौत, भीड़ ने किया हंगामा

ग्रामीणों ने किया हंगामा, पुलिस पर मदद नहीं करने का आरोप

ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के जुनपत गांव के समीप बीते सप्ताह दिल्ली पुलिस की गाड़ी से घायल दो भाइयों में से बड़े भाई की शनिवार रात उपचार के दौरान मौत हो गई। हादसे में गंभीर रूप से घायल दोनों भाइयों को शहर के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छोटे भाई को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। युवक की मौत की जानकारी होने पर अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते की और हंगामा किया। आरोप है कि दिल्ली और गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने हादसे के बाद पीड़ित परिवार की कोई सुध नहीं ली। 

हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने परिवार को आर्थिक मदद और एक सदस्य को नौकरी की मांग की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के जुनपत गांव के रहने वाले दो भाई वीरेंद्र (27 वर्ष) और पवन (24 वर्ष) सोमवार की शाम बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। दोनों भाई गांव के बाहर चौराहे पर पहुंचे तो दिल्ली पुलिस की तेज रफ्तार गाड़ी ने उनकी बाइक में सामने से टक्कर मार दी थी। हादसे में गंभीर रूप से घायल दोनों भाइयों को कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

वीरेंद्र की स्थिति नाजुक देखते हुए उसे आईसीयू में रखा गया था। काफी इलाज के बाद भी उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। हालांकि, पवन की स्थिति में सुधार होने पर उसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया था। गंभीर रूप से घायल वीरेंद्र की शनिवार की रात करीब 10 बजे उपचार के दौरान मौत हो गई है। गांव के ही रहने वाले एडवोकेट सतेंद्र भाटी ने बताया कि दोनों बेटों के इलाज पर पीड़ित परिवार अब तक पांच लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुका है। दिल्ली और गौतमबुद्ध नगर पुलिस पर पीड़ित परिवार की कोई सुध न लेने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया। 

ग्रामीणों ने परिवार की आर्थिक मदद किए जाने की मांग की है। हंगामे की सूचना पाकर सूरजपुर और नॉलेज पार्क कोतवाली से पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की गंभीरता को देखते हुए सूरजपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत की। मृतक युवक के इलाज पर आए खर्च में कुछ रियायत दिलाने के साथ मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर लोग शांत हुए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जवान बेटे की मौत से मृतक परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है।

दरअसल, वीरेंद्र परिवार में सबसे बड़ा था। निजी कंपनी में नौकरी कर परिवार का खर्च चलाता था। वीरेंद्र के पिता जय चंद की 20 साल पहले ही मौत हो गई थी। सड़क हादसे में जान गंवाने वाले वीरेंद्र की 20 दिन पहले ही शादी हुई थी। परिवार में अभी खुशी का ही माहौल था। इस दर्दनाक हादसे से नई नवेली दुल्हन के सपनों पर भी पानी फिर गया है।

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